Baloda Bazar Violence: बलौदाबाजार में जब दंगा भड़का, तब विधायक मोतीलाल साहू के बेटे एकलव्य साहू भी शहर में ही थे। रेस्ट हाउस के दो पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी रूकवाई। इसके बाद बेवजह उनके साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने बताया भी कि अपने निजी काम से आए हैं, लेकिन पुलिसवालों ने एक न सुनी।
Baloda Bazar Violence: इधर, पुलिस विभाग ने आंदोलन में हिंसा फैलाने वाले प्रतिनिधियों और संगठनों की सूची जारी की है। इनकी धरपकड़ के लिए अलग-अलग जगहों पर देर रात तक छापेमारी करने की भी खबर है। पुलिस विभाग के मुताबिक, इस हिंसा में उनके 30 अफसर-कर्मचारी घायल हुए हैं।
जिले के दंडाधिकारी और पुलिस कप्तान सोमवार को अपना ही ऑफिस नहीं बचा पाए। भीड़ जब कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची, तब अफसर-कर्मियों ने बाहर से दरवाजे बंद कर दिए। ( Baloda Bazar Violence Update ) इस दौरान कलेक्टर, एसपी समेत 100-150 अफसर-कर्मचारी भीतर ही थे। बहुत से आम लोग भी थे जो अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। इस दौरान कलेक्टर और एसपी को छत पर देखा गया। बताते हैं कि भीड़ ने दफ्तर के अंदर मौजूद अफसर-कर्मचारियों को तकरीबन एक घंटे तक बंधक बनाए रखा था।
Updated on:
11 Jun 2024 02:43 pm
Published on:
11 Jun 2024 02:42 pm