
बारिश का असर अब सब्जी बाजार पर (photo source- Patrika)
Vegetable Prices Expensive: अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में हुई बारिश का असर अब सब्जी बाजार पर सबसे पहले नजर आ रहा है। बारिश के बाद सब्जियों की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई थीं। जिसकी वजह से इस समय सब्जियों के दाम पचास फीसदी से ज्यादा बढ़ गए हैं। सब्जी व्यवसायियों के अनुसार बारिश से सब्जी बाड़ी को जमकर नुकसान पहुंचा था, जिसके बाद फिर से सब्जियों के पौधे तैयार करने में देरी हुई थी। त्यौहारी सीजन में सब्जियों के दाम आसमान में होने की वजह से आम उपभोक्ता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
विदित हो कि अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में नगर समेत अंचल में जमकर बारिश हुई थी। बारिश की वजह से उस समय तैयार की जाने वाली सब्जी बाड़ी पूरी तरह से खराब हो गई थी। भारी बारिश में सब्जियों के पौधे सड़ गल कर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे। किसानों ने सब्जियों के पौधे फिर से तैयार किए हैं, जिसकी वजह से फिलहाल बाजार में सब्जियों की आवक अपेक्षाकृत कम है। बाजार में आवक घटने का सीधा असर सब्जियों की कीमतों पर नजर आ रहा है और सब्जियों के दाम डेढ़ गुने से दो गुने तक मंहगे हो गए हैं।
बाजार में बीते कुछ दिनों से सबसे अधिक मंहगी सब्जी मेथी भाजी है जो 50 रुपए पाव यानि 200 रुपए प्रति किग्रा की दर पर बिक रही है। वहीं परवल, देसी करेला, फूल गोभी के दाम भी 60 रुपए प्रति किग्रा हो गए हैं। लोकल सब्जी व्यवसायियों ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा था जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई थी। किसानों ने फिर से सब्जियों की बाड़ी तैयार की थी, परंतु पैदावार आते आते देर हो रही है जिससे आवक घटी हुई है। आवक कमजोर होने से दाम तेज हो रहे हैं। सब्जियों की कमजोर आवक और मांग के तेज होने के चलते सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि महंगाई से जूझ रहे आम उपभोक्ताओं के लिए वर्तमान का त्यौहारी सीजन काफी खर्चीला साबित हो रहा है। अक्टूबर माह में ही नवरात्रि, दशहरा, दीपावली की तैयारी में ही आम आदमी का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। मंहगाई से जूझ रहे साधारण उपभोक्ताओं के लिए सब्जियों और फलों के मंहगे दाम उसके बजट से बाहर जा रहे हैं।
Vegetable Prices Expensive: ग्रामीण इलाकों में अधिकांश ग्रामीण धान की कटाईए मिसाई में फिलहाल व्यस्त हैं। दीपावली त्यौहार के आसपास लगाई गई सब्जी बाड़ी फिलहाल बेहतर है। परंतु लोक सब्जियों जैसे फूल गोभी, नवलगोल, पत्ता गोभी, सेमी, मेथी भाजी, पालक, मूली, गाजर, हरा मटर, टमाटर आदि की नई फसल के बाजार तक आने में अधिकतम 15 दिन का समय और लगेगा।
फिलहाल मौसम भी साफ है लिहाजा अब किसानों को कीट प्रकोप की भी अधिक परेशानी नहीं है। किसानों को उम्मीद है कि 15 दिनों के बाद लोकल सब्जियों की बंपर आवक होनी प्रारंभ हो जाएगी, जिससे बाद सब्जियों के दाम भी कम होंगे।
Published on:
12 Nov 2025 03:48 pm
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