
बेसबॉल खिलाड़ी अंजलि भारतीय टीम व कलेक्टर के साथ
बलरामपुर. Indian Baseball team: शहरों के साथ ही अब गांवों से भी खेल प्रतिभाएं निकलकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना रहीं हैं। गांवों, कस्बों और दूरस्थ अंचलों में प्रतिभाओं की कमी नहीं होती है, बस जरूरत होती है उन्हें एक अवसर देने की। अवसर, प्रतिभाओं को निखरने और आगे बढऩे का मौका देती है। ऐसी ही एक प्रतिभावान खिलाड़ी बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम सिविलदाग निवासी अंजलि खलखो है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लगन से आज इंडियन बेसबॉल टीम में जगह बनाई है। अंजलि की प्रतिभा को पहचानते हुए समय-समय पर छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा सहयोग और अवसर प्रदान किया गया।
बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड अंतर्गत सिविलदाग एक छोटा सा गांव है। यहां के किसान रिजू खलखो एवं महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी राजमणि खलखो की पुत्री अंजलि ने मेहनत और लगन की बदौलत बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है।
अंजलि हाल ही में हांगकांग में आयोजित वूमेंस एशिया बेसबॉल चैम्पियनशिप में इंडियन टीम का हिस्सा रहीं। इसमें इंडियन टीम एशिया लेवल पर 6वें स्थान पर रही। अंजलि आगामी दिसंबर माह में कनाडा में होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होंगीं। अंजलि ने बताया कि उन्होंने कक्षा 6वीं से ही बेसबॉल खेलना शुरु कर दिया था।
अंजलि ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच अख्तर खान, स्र्पोटस् टीचर हेमलता व भाई-बहनों आलोक, अंशुमाला एवं आकांक्षा दिया है। उन्होंने कहा कि भाई-बहनों ने बचपन से उन्हें खेलने के लिए लगातार प्रेरित किया है।
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खिलाड़ी बनने में आती हैं कई अड़चनें
अंजलि कहती हैं कि किसी आम व्यक्ति से खिलाड़ी बनने तक के सफर में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आते हैं। ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में खिलाड़ी बनने में कई प्रकार की चुनौतियां आती हैं। कई प्रकार के सामाजिक दबाव होते हैं जैसे- कई लड़कियों पर शादी का दबाव तो कइयों पर घर से अकेले बाहर भेजने और खेलने को लेकर दबाव होता है।
लडक़ों पर परिवार को आर्थिक सहायता देने जैसी स्थिति निर्मित होती हैं। ऐसे परिस्थिति में माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों की अहम जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराएं। कई बार यह माता-पिता के लिए उनकी पारिवारिक स्थिति के कारण संभव नहीं हो पाता है।
कई बार खिलाडिय़ों को आधारभूत सुविधाएं जैसे अच्छी डाइट, प्रशिक्षण, सुविधाजनक खेल का मैदान उपलब्ध नहीं हो पाता हैं। लेकिन शासन-प्रशासन सहायता उपलब्ध कराए तो पिछड़े क्षेत्रों से भी कई प्रतिभावान खिलाड़ी अपने जिले, राज्य और देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन कर सकते हैं।
अंजलि की उपलब्धियां
अंजलि की प्राथमिक शिक्षा लरंगी और रातासिली में हुई है। इसके बाद कक्षा 6वीं की शिक्षा उन्होंने बिलासपुर से ली। वर्तमान में वे रायपुर में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में अध्ययनरत हैं। बिलासपुर में ही उन्होंने अपने खेल की शुरुआत की। इसके बाद वे अनुभाग, जिला और राज्य स्तर पर खेलते हुए भारतीय टीम का हिस्सा बनीं।
अंजलि ने कलेक्टर रिमिजियुस एक्का से मुलाकात कर अपनी उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि वे अपनी खेल यात्रा में अब तक नेशनल लेवल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक सहित कई अन्य पदक जीते हैं। कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेना जमील ने अंजलि को बधाई देते हुए उनकी उपलब्धियों की सराहना की एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
परिवार सहित शासन-प्रशासन का अहम योगदान
अंजलि ने बताया कि उनके यहां तक के सफर में छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा उनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसके बाद शासन एवं जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला, जिसके कारण वे आज इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं।
अंजलि ने कहा कि अब राज्य में खिलाडिय़ों के लिए सरकार द्वारा अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। नए खेल मैदानों के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक को लेकर उन्होंने कहा कि इससे हर उम्र के खिलाडिय़ों को अपने पारंपरिक खेलों को खेलने का अच्छा मंच मिला है।
Published on:
07 Jun 2023 07:22 pm
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