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माही परमाणु बिजलीघर पर सियासी टकराव: सांसद राजकुमार रोत का विरोध, गढ़ी विधायक बोले ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’

भारत आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने माही परमाणु बिजलीघर का विरोध किया है।

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बांसवाड़ा। भारत आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने माही परमाणु बिजलीघर का विरोध किया है। रोत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि ‘माही परमाणु बिजलीघर इस क्षेत्र के लिए एक घातक परियोजना साबित होने वाली है। इसका वर्षों से स्थानीय लोग कड़ा विरोध जता रहे हैं।

परियोजना में नियम विरुद्ध जाकर आदिवासी समुदाय की भूमि अवाप्ति की गई है। विस्थापित आदिवासी परिवारों के उचित मुआवजे सहित कई मांगों को नहीं माना गया। आदिवासी सहित विभिन्न समुदायों के कड़े विरोध के बाद भी प्रधानमंत्री जी, आप इस परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम कर इस क्षेत्र के साथ घोर अन्याय कर रहे हो।’

पक्ष-विपक्ष में दिखे लोग

सांसद की पोस्ट पर लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। कुछ लोगों ने कहा- ‘भील प्रदेश चाहिए, पर विकास और रोजगार नहीं।’ एक यूजर ने लिखा- ‘सब चाहिए इनको। जमीन का नंबर आए तो मंगल ग्रह पर जाओ। एक अन्य ने रोत के पक्ष में लिखा कि आने वाले समय में इसके घातक परिणाम होंगे। एक अन्य ने लिखा कि आप चाहते हैं कि भील गुजरात में जाकर कोठी और बंगलों में काम करता रहे।

विरोध के लिए विरोध ठीक नहीं

सांसद रोत ने विरोध के लिए विरोध किया है, जो कि ठीक नहीं है। यदि किसी की कोई मांग है, तो हम सुनने-समाधान को तैयार हैं। सक्षम मंच पर तथ्यों के साथ लोग बताएंगे, तो उनकी मांग पूरी होगी। परमाणु बिजलीघर से बांसवाड़ा ही नहीं, डूंगरपुर व प्रदेश का विकास होगा।

कनकमल कटारा, पूर्व सांसद

अब विरोध उचित नहीं

परमाणु बिजलीघर का अब विरोध नहीं करना चाहिए। यह देश और दुनिया में बांसवाड़ा की पहचान बनाएगा। जैसे माही डेम ने बनाई। इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए बांसवाड़ा का चयन होना बड़ी बात है, अन्यथा सरकार कहीं पर भी लगा देती। जहां तक जमीन व अन्य मुद्दों की बात है तो विस्थापितों व प्रभावितों से सरकार और संबंधित एजेंसी को एक जाजम पर बैठकर बात करनी चाहिए। इतनी बड़े प्रोजेक्ट की लोगों में खुशी होनी चाहिए, दु:ख नहीं। ऐसा तभी होगा, जब उनके दर्द का समाधान सरकार समय रहते करेगी।

रमेश पंड्या, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

विकास के बारे में सोच नहीं सकते

इनकी मति भ्रष्ट हो चुकी है। परमाणु बिजलीघर से हजारों को रोजगार व उद्योगों को बिजली मिलेगी। इसके सहारे रेल परियोजना आएगी। इनके पास वैसी सोच नहीं है। हवा के एक झोंके में इन्हें चुनाव जीतने का मौका मिल गया। जो विकास के बारे में सोच नहीं सकते, वे केवल लोगों को भ्रमित कर सकते हैं। इनको जो मौका मिलना था, मिल गया। विनाशकाले विपरीत बुद्धि।

कैलाश मीणा, विधायक गढ़ी