
World Diabetes Day : दुनियाभर में तेजी से बढ़ते मधुमेह के बीच बांसवाड़ा के एक चिकित्सक दवाई देने के साथ ही ‘मधुमेह चालीसा’ रटवा रहे हैं। चालीसा में बाकायदा रोग के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों को शब्दों में इस तरह गूंथा है कि सुनने वाले के दिल-दिमाग में बैठ जाए। मधुमेह रोगियों के उपचार के दौरान हासिल अनुभवों को डॉ. आर.के. मालोत ने करीब 16 पेजों की चालीसा में समेटा। वह यह चालीसा मरीजों, परिचितों और हर किसी को मुफ्त में बांटते हैं और इसमें लिखी जानकारियों को अपनाने को कहते हैं। यही नहीं, रोगियों को उपचार के साथ ही वह मधुमेह चालीसा खुद गाकर भी सुनाते हैं। उनके इस अंदाज से रोगी भी प्रभावित हैं। रोगियों को चालीसा गायन कर बताते हैं कि उपायों पर ध्यान नहीं देने के नतीजे कितने गंभीर हो सकते हैं। डॉ. मालोत कहते हैँ कि चालीसा का अनुसरण करने पर डायबिटीज रूपी ‘भूत’ को भगाया जा सकता है। इससे प्री-डायबिटीज अवस्था में ही सावधानी अपनाकर रोग से बचा जा सकता है।
30 वर्ष से रोगियों को परामर्श दे रहे व पठन-लेखन के शौकीन डॉ. मालोत बताते हैं कि मधुमेह रोगियों की संया लगातार बढ़ रही है। उन्होंने रोग के कारण, लक्षण पर शोध और उपचार किया। पहले मरीजों को मौखिक ही समझाते थे, फिर एक बार ख्याल आया कि क्यों न इसे चालीसा का रूप दिया जाए। फिर उन्होंने लेखन शुरू किया और धीरे-धीरे पूरी चालीसा तैयार हो गई। इसे छपवाकर अब रोगियों में बांटते हैं। विभिन्न चिकित्सा शिविरों और सामाजिक आयोजनों में भी वह मधुमेह चालीसा गाकर सुनाते हैं। चालीसा की एक-दो चौपाई तो नियमित रूप से सुनाते हैं। उनका यह अभियान ‘शक्कर से टक्कर’ के मकसद से है।
इस वर्ष के विश्व मधुमेह दिवस की थीम है ‘बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना।’ यह थीम भी डॉ. मालोत के अभियान से ताल मिलाती प्रतीत होती है।
1- 77 मिलियन मधुमेह (डायबिटीज) रोगी हैं भारत में, जो दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं।
2- 1991 में हुई थी विश्व मधुमेह दिवस मनाने की।
3- 14 नवबर को सर फ्रेड्रिक बैंटिंग का जन्मदिन है, जिन्होंने मधुमेह उपचार में इंसुलिन की खोज में योगदान दिया।
Published on:
14 Nov 2024 03:08 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
