
Rajasthan News: राजस्थान में बाड़मेर ऊर्जा का हब बन गया है। कोयला, तेल, गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का लगातार विस्तार इस इलाके की ताकत बनता जा रहा है। राज्य व केन्द्र सरकार के निवेश करोड़ों और अरबों रुपए में हो रहा है।
जमीन के नीचे मिले खनिज के अकूत खजाने के साथ अब सकारात्मक ऊर्जा भी लगे तो बाड़मेर की चमक-दमक दुबई जैसी होती देर नहीं लगेगी। प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व दे रहा बाड़मेर जिले की प्रति व्यक्ति आय तो बढ़ेगी ही 2030 तक इस आखिरी जिले से ऊर्जा क्षेत्र की कई नई पहल जुड़ती नजर आएगी।
बाड़मेर की सबसे बड़ी ताकत यहां का तेल का खजाना है। अब तक 38 कुओं से तेल निकल रहा है, जिसका प्रतिदिन उत्पादन 80 से 90 हजार बैरल है। 11 नए ब्लॉक पर अन्वेषण और खोज का कार्य चल रहा है। इसमें बड़ी सफलता मंगला जैसी हाथ लगी तो बाड़मेर में तेल के फिर से नए वारे न्यारे हो सकते हैं।
भादरेस में 1080 मेगावाट की इकाइयां संचालित हो रही है। यहां दो नई इकाइयां लगाना प्रस्तावित है ही साथ ही बंद पड़े गिरल लिग्नाइट पॉवर प्लांट में भी तीन और चार नई इकाइयां 125-125 मेगावाट की लगाने का विचार किया जा रहा है। यहां पर 100 मेगावाट का सौर ऊर्जा का प्लांट लगाना भी विचाराधीन है।
बाड़मेर में सौर ऊर्जा को लेकर विपुल संभावनाएं हैै। हाल ही में जैसलमेर और बाड़मेर के लिए सौर ऊर्जा के लिए राज्य सरकार ने जमीन आवंटित की है। बाड़मेर के शिव इलाके में भविष्य में सौर ऊर्जा के बड़े प्लांट लगाने की योजना है। इसके लिए सरकारी प्रयास प्रारंभ है।
शिव क्षेत्र में 250 से अधिक पवन चक्कियों से पवन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। यह इलाका अब जैसलमेर की तर्ज पर पवन ऊर्जा का हब बनता जा रहा है। शिव, गडरारोड़ और रामसर इलाके तक इसका विस्तार होने लगा है।
Updated on:
31 Oct 2024 11:33 am
Published on:
31 Oct 2024 11:31 am
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