
बाड़मेर नगर परिषद (फोटो- पत्रिका)
बाड़मेर: नगर परिषद बाड़मेर में हुए भ्रष्टाचार की अब परतें खुल रही हैं। महंगाई राहत कैंप के नाम पर नगर परिषद की ओर से बिना सामग्री खरीदे और बिना टेंडर जारी किए दो फर्मों को 1 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया।
इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद अब पूर्व सभापति दिलीप माली, पूर्व आयुक्त योगेश आचार्य, नगर परिषद के कार्मिकों गणपत विश्नोई, श्रवण कुमार, विशनचंद घारू सहित सुंधामाता कंस्ट्रक्शन कंपनी और अग्रवाल ट्रेडिग कंपनी पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
परिषद आयुक्त श्रवण सिंह राजावत ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्र की 36 इंदिरा रसोई के लिए सामग्री उपलब्ध कराने के नाम पर परिषद से दो फर्मों को भुगतान कर दिया गया। लेकिन नगर परिषद में न तो कोई टेंडर प्रक्रिया की गई और न ही ऐसी कोई पत्रावली उपलब्ध मिली।
जांच में यह भी सामने आया कि अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी और सुंधामाता कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जिला परिषद की टेंडर प्रक्रिया में शामिल होकर इंदिरा रसोई के लिए सामग्री दी थी। वहां से भुगतान भी उठा लिया। इसके बाद नगर परिषद से भी मिलीभगत कर उन्हीं बिलों पर दूसरा भुगतान हासिल कर लिया गया।
जिला कलक्टर ने सीईओ रविकुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने परिषद से जब पत्रावलियां मांगी तो कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। लेकिन फर्मों को भुगतान होना स्पष्ट हो गया। रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि यह भुगतान पूर्व सभापति और पूर्व आयुक्त की मिलीभगत से किया गया है।
Published on:
18 Sept 2025 10:48 am
बड़ी खबरें
View Allबाड़मेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
