8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाड़मेर नगर परिषद में फर्जीवाड़ा, बिना सामान खरीदे कर दिया 1.80 करोड़ रुपए का भुगतान, पूर्व सभापति-आयुक्त पर मुकदमा दर्ज

बाड़मेर नगर परिषद में महंगाई राहत सामग्री के नाम पर बिना टेंडर दो फर्मों को 1.80 करोड़ का भुगतान हुआ। जांच में पूर्व सभापति दिलीप माली, पूर्व आयुक्त योगेश आचार्य और अन्य कर्मियों की मिलीभगत सामने आई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

less than 1 minute read
Google source verification
Barmer Municipal Scam

बाड़मेर नगर परिषद (फोटो- पत्रिका)

बाड़मेर: नगर परिषद बाड़मेर में हुए भ्रष्टाचार की अब परतें खुल रही हैं। महंगाई राहत कैंप के नाम पर नगर परिषद की ओर से बिना सामग्री खरीदे और बिना टेंडर जारी किए दो फर्मों को 1 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया।


इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद अब पूर्व सभापति दिलीप माली, पूर्व आयुक्त योगेश आचार्य, नगर परिषद के कार्मिकों गणपत विश्नोई, श्रवण कुमार, विशनचंद घारू सहित सुंधामाता कंस्ट्रक्शन कंपनी और अग्रवाल ट्रेडिग कंपनी पर मुकदमा दर्ज हुआ है।


ऐसे खुला मामला


परिषद आयुक्त श्रवण सिंह राजावत ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्र की 36 इंदिरा रसोई के लिए सामग्री उपलब्ध कराने के नाम पर परिषद से दो फर्मों को भुगतान कर दिया गया। लेकिन नगर परिषद में न तो कोई टेंडर प्रक्रिया की गई और न ही ऐसी कोई पत्रावली उपलब्ध मिली।


दोहरी कमाई का खेल


जांच में यह भी सामने आया कि अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी और सुंधामाता कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जिला परिषद की टेंडर प्रक्रिया में शामिल होकर इंदिरा रसोई के लिए सामग्री दी थी। वहां से भुगतान भी उठा लिया। इसके बाद नगर परिषद से भी मिलीभगत कर उन्हीं बिलों पर दूसरा भुगतान हासिल कर लिया गया।


तीन सदस्यीय कमेटी ने खोली पोल


जिला कलक्टर ने सीईओ रविकुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी ने परिषद से जब पत्रावलियां मांगी तो कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। लेकिन फर्मों को भुगतान होना स्पष्ट हो गया। रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि यह भुगतान पूर्व सभापति और पूर्व आयुक्त की मिलीभगत से किया गया है।