
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan Government Scheme : रेगिस्तानी जहाज के रूप में पहचाने वाले राज्य पशु ऊंट का खेती व दैनिक कामकाज में कम उपयोग से अब इनका अस्तित्व खतरे में है। प्रतिवर्ष इनकी संख्या में कमी हो रही है। इस पर ऊंट संवर्धन को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने मंगला पशु बीमा योजना में महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
इस योजना में अब प्रत्येक उष्ट्र पालक के 10 ऊंटों का नि:शुल्क बीमा किया जाएगा। इससे बीमारी, हादसे, प्राकृतिक आपदा में इनकी मृत्यु पर पशुपालकों को संबल मिल सके। बीते दो दशक में पूरे प्रदेश में खेती कार्य में ट्रैक्टर का प्रयोग बढ़ने, साधन में दुपहिया, चार पहिया वाहनों के अधिक उपयोग से आम आदमी के दैनिक जीवन में अब ऊंट का महत्व बहुत कम रह गया है।
इससे इनकी संख्या हर वर्ष कम हो रही है। वर्ष 2007 की पशुगणना अनुसार जिला बाड़मेर में 58597 ऊंट थे। वर्ष 2012 में 43 हजार 129, वर्ष 2019 में 25 हजार 907 ऊंट थे। ऐसे में प्रतिवर्ष इनकी संख्या में गिरावट हो रही है। जानकारी अनुसार पूरे प्रदेश में 2 लाख 11 हजार 445 हजार ऊंट है।
ऊंटों की संख्या में निरंतर कमी पर इनके संवर्धन, संरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय किया है। इस पर पशुपालन विभाग मंगला पशु बीमा योजना में अब पशुपालकों के अधिकतम 10 ऊंटों का नि:शुल्क बीमा करेगा। पूर्व में एक ऊंट का बीमा करने का प्रावधान था। योजना में बीमारी, हादसे, प्राकृतिक आपदा से बीमित ऊंट के मरने पर अधिकतम 40 हजार रुपए बीमा राशि देने का प्रावधान है।
Published on:
31 Aug 2025 02:51 pm
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