
फाइल फोटो पत्रिका
Laado Protsahan Yojana : महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित फ्लैगशिप योजना ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ में भरतपुर बेटियों से लाड़ लड़ाने में बेहतर स्थिति में नहीं है। जुलाई माह की रैकिंग देखें तो भरतपुर जिला प्रतापगढ़, जयपुर एवं दौसा जिले से ही अग्रणी है। योजनांतर्गत प्रथम किश्त की प्रगति के आधार पर जिलों की रैंकिंग निर्धारित की गई है। रैंकिंग मापदंड चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से चर्चा के अनुसार निर्धारित किए हैं।
बेटी बचाओ और उन्हें प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई फ्लैगशिप लाड़ो प्रोत्साहन योजना में भरतपुर जिले का प्रदर्शन निराशाजनक है। जुलाई माह की रैंकिंग में भरतपुर प्रदेश के कई जिलों से पिछड़ गया है। योजना की रैंकिंग प्रथम किश्त की प्रगति के आधार पर की गई है। कोटा, उदयपुर, अजमेर, अलवर एवं सीकर जैसे बड़े जिले भरतपुर से बहुत आगे हैं। योजना के तहत सरकार बेटियों के जन्म पर आर्थिक प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराती है, ताकि समाज में कन्या जन्म को बढ़ावा मिले और परिवार आर्थिक रूप से उन्हें सहयोग कर सके। योजना को मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है और इसे मिशन मोड में चलाने के निर्देश भी हैं। इसके बाद भी भरतपुर में प्रगति की गति धीमी है।
जानकारों का दावा है कि जागरूकता की कमी, विभागीय लापरवाही और योजना क्रियान्वयन में ढिलाई इस खराब प्रदर्शन के बड़े कारण हैं। प्रदेश स्तर पर यह रैंकिंग चिंता का विषय है, क्योंकि सरकार लगातार बेटियों के हितों को लेकर नई योजनाएं लागू कर रही है। ऐसे में किसी जिले का पिछडऩा वहां की प्रशासनिक कार्यशैली और जमीनी अमल पर सवाल खड़े करता है। रैंकिंग के संबंध में सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य और संपूर्ण विकास के लिए शुरू की गई लाडो प्रोत्साहन योजना की राशि राज्य सरकार ने 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 12 मार्च 2025 को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान इस राशि को बढ़ाने की घोषणा की थी। योजना का उद्देश्य बालिका जन्म को प्रोत्साहन, शिक्षा में ठहराव और समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है। योजना के अंतर्गत राशि डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से ऑनलाइन दी जाती है। पहली छह किश्तें माता-पिता या अभिभावक के खाते में और अंतिम किश्त बालिका के खाते में ट्रांसफर करने का प्रावधान है।
जिला - प्रगति प्रतिशत
हनुमानगढ़ 90.84
सलूम्बर 89.94
चूरू 89.85
भीलवाड़ा 87.85
अलवर 85.77
बीकानेर 85.32
टोंक 85.24
गंगानगर 84.59
चित्तौडगढ़ 84.03
करौली 83.89
अजमेर 82.94
बालोतरा 82.67
सवाईमाधोपुर 82.32
जालौर 81.87
राजसमंद 81.83
उदयपुर 81.43
पाली 79.97
नागौर 79.55
झुंझुनूं 79.52
डूंगरपुर 79.21
कोटा 77.24
बारां 76.57
कोटपूतली-बहरोड़ 75.93
ब्यावर 75.04
जैसलमेर 74.45
झालावाड़ 74.39
डीग 72.79
सीकर 71.98
बांसवाड़ा 71.60
डीडवाना-कुचामन 70.81
सिरोही 70.34
धौलपुर 70.21
बूंदी 70.02
फलौदी 69.69
बाड़मेर 67.55
खैरथल-तिजारा 66.62
जोधपुर 64.73
भरतपुर 64.27
प्रतापगढ़ 61.89
जयपुर 58.56
दौसा 54.00
कुल - 75.63
Published on:
02 Sept 2025 02:51 pm
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