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भिलाई गोलीकांड पर विशेष: छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी को सोते समय मारी थी गोली

छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी को भिलाई के हुडको सेक्टर स्थित निवास में सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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Shankar Guha Niyogi

भिलाई गोलीकांड पर विशेष: छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी को सोते समय मारी थी गोली

भिलाई@Patrika. छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी को भिलाई के हुडको सेक्टर स्थित निवास में सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी। 28 सितंबर 1991 की भोर होने से पहले हुडको स्थिति निवास में गोली मारी गई थी। इस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने भाड़े के हत्यारे पल्टन मल्लाह सहित छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। अभियुक्तों में उद्योगपति मूलचंद शाह, नवीन शाह, चंद्रकांत शाह, ज्ञानप्रकाश मिश्र और अवधेश राय अभय के नाम थे। जो न्यायालय द्वारा बरी कर दिए गए हैं।

आठ साल चली सुनवाई, एक की फांसी उम्रकैद में बदल गई, बाकी आरोपी बरी

23 जून 1997
जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग ने पल्टन मल्लाह को फांसी और उद्योगपति मूलचंद शाह, चंद्रकांत शाह, नवीन शाह, ज्ञानप्रकाश मिश्र और अवधेश राय अभय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।@Patrika

26 जुलाई 1998
जबलपुर उच्च न्यायालय ने पल्टन मल्लाह की फांसी की सजा को बरकरार रखा। बाकी अन्य अभियुक्तों मूलचंद शाह, नवीन शाह, चंद्रकांत शाह, ज्ञानप्रकाश मिश्र और अवधेश राय अभय को आजीवन कारावास के निचली अदालत के फैसले को बदलते हुए बरी कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ केंदी्रय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की। @Patrika

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20 जनवरी 2005
सर्वोच्च न्यायालय ने नियोगी के हत्यारे पल्टन मल्लाह की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। बाकी अभियुक्तों के बारे में जबलपुर उच्च न्यायालय के 26 जुलाई 1998 के फैसले का बराकरार रखा। यानी सभ्ी बरी कर दिए गए।

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अब राष्ट्रपति से न्याय की आस
@Patrika इस फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति से गुहार लगाइ है। 19 फरवरी 2014, 19 जनवरी 2016 को राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखा। इस संबंध में कार्रवाई की जानकारी नहीं मिलने पर 16 मार्च 2016 को राष्ट्रपति भवन से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। राष्ट्रपति भवन की ओर से बताया गया कि मामला राज्य के मुख्य सचिव को भेज दिया गया है। @Patrika