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PDS घोटाले का बड़ा खुलासा! 20,490 फर्जी लाभार्थी पकड़े गए, राशन कार्ड से नाम काटने की कार्रवाई शुरू

PDS Fraud in CG: दुर्ग जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के 20 हजार 490 लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं। जिला प्रशासन के सत्यापन में इसका खुलासा हुआ है।

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PDS की बड़ी लापरवाही उजागर! महीनेभर लेट पहुंच रहा चावल, ग्रामीणों ने कहा- सरकार ध्यान दे...(photo-patrika)

PDS की बड़ी लापरवाही उजागर! महीनेभर लेट पहुंच रहा चावल, ग्रामीणों ने कहा- सरकार ध्यान दे...(photo-patrika)

PDS Fraud in CG: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के 20 हजार 490 लाभार्थी फर्जी पाए गए हैं। जिला प्रशासन के सत्यापन में इसका खुलासा हुआ है। पीडीएस में फर्जी और अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाने के केंद्र सरकार के निर्देश के बाद दुकानों में लंबे समय से राशन लेने नहीं आने वाले लाभार्थियों की पहचान कर सत्यापन कराया जा रहा है।

अब तक के सत्यापन में ये लाभार्थी राशनकार्ड में दर्ज पते पर नहीं पाए गए हैं। ये लाभार्थी या तो फर्जी हैं या पलायन कर अन्यत्र चले गए हैं या फिर मृत हो गए हैं। इस पर इन लाभार्थियों के नाम राशनकार्ड से काटे जा रहे हैं। संया और भी बढ़ सकती है।

PDS Fraud in CG: 20490 लाभार्थी मिले फर्जी

जिले में इस समय 4,95,400 राशनकार्ड प्रचलित हैं। इनमें 74,935 अंत्योदय योजना, 962 निराश्रित, 2,97,471 प्राथमिकता, 2,967 नि:शक्तजन व 1,18०65 एपीएल श्रेणी के राशनकार्ड हैं। इन राशनकार्डों में 17,23904 लाभार्थी शामिल हैं। इन राशनकार्डधारियों को हर माह सरकारी दुकानों से सस्ते दर पर राशन दिया जाता है, लेकिन इनमें से बड़ी संया में लाभार्थी कई महीनों से राशन लेने दुकान नहीं पहुंच रहे हैं।

इनमें से अधिकतर संया 6 से 12 माह का राशन नहीं लेने वालों की हैं। इसके अलावा इनमें संदेहास्पद आधार नंबर वाले हितग्राही भी शामिल हैं। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इन पर फोकस कर लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा रहा है। बताया जा रहा है अब तक पते पर नहीं पाए गए अधिकतर लाभार्थी अंत्योदय योजना के हैं। खाद्य विभाग द्वारा राशनकार्डों में दर्ज पते पर जाकर नियमित पड़ताल की जा रही है।

99 हजार नाम हटाए थे

खाद्य विभाग ने वर्ष 2018 में ऐसी ही गड़बड़ी के कारण 99 हजार नाम पात्रता की सूची से डिलिट किए थे। आधार सीडिंग के बाद विशेष सॉटवेयर के माध्यम से जांच में एक ही आधार नंबर को एक से अधिक नामों के साथ सीडिंग करा लेने के मामले सामने आए थे। इसके बाद इनकी जांच कराई गई थी। इसमें ये लाभार्थी वास्तविक आधार नंबर जमा नहीं करा पाए या मौके पर नहीं मिले थे।

खाद्य नियंत्रक अनुरागसिंह भदौरिया ने कहा की लंबे समय से राशन दुकान नहीं आने वाले लाभार्थियों का सत्यापन कराया जा रहा है। ऐसे 20 हजार से ज्यादा लोग मौके पर नहीं मिले। नाम राशनकार्डों से काट दिए गए हैं। संया और बढ़ सकती है।

जिले में राशनकार्ड 495400

ग्रामीण 202159

शहरी 293241

लाभार्थी1723904

आधार सीडिंग1723636

ई-केवाईसी सत्यापित1416449