
रिश्तेदार बने दुश्मन! मां से छीनकर डॉक्टर को बेचा, बुजुर्ग तक पहुंचा मासूम(photo-patrika)
CG Crime News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में 9 महीने के बच्चे को उसकी मां से छिनकर उसे दो बार बेच दिया गया। दुर्ग पुलिस को जब इस घटना की जानकारी हुई , तो एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर स्पेशल टीम गठित कर बिहार भेजा गया।
पुलिस ने बच्चे को पटना से अपहरणकर्ता गिरोह के चंगुल से छुड़ाया। पुलिस ने एक डॉक्टर और उसके पार्टनर समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें एक बच्चे की मां का रिश्तेदार है। सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। एक महिला आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने बच्चे को परिजनों को सौंप दिया।
भिलाई नगर सेक्टर-6 कंट्रोल रुम में पत्रवार्ता कर एएसपी सुखनंदन राठौर, एएसपी पद्मश्री तंवर ने इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 20 जून को 9 महीने के बच्चे की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके रिश्तेदार संगनी बाई और संतोष पाल ने बहला-फुसलाकर दुर्ग से कोंडागांव होते हुए पटना बिहार ले गया। वहां किराए के मकान में ठहराने के बाद 8 जुलाई को उसे छत्तीसगढ़ वापसी के लिए आरा रेलवे स्टेशन में बैठा दिया।
इसी दौरान दानापुर स्टेशन पर संगनी बाई एवं संतोष पाल ने महिला की गोद से उसके 8 माह 25 दिन के बेटे को जबरन छीन लिया और ट्रेन से उतर गए। महिला ट्रेन के छूट जाने और अजनबी जगह पर फंस जाने के कारण किसी तरह दुर्ग वापस आई और महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई।
टीम को तत्काल राष्ट्रीय मार्ग से बिहार रवाना किया गया। टीम ने लोकल पुलिस की मदद से लगातार पूछताछ की। पटना और आसपास के क्षेत्रों से आरोपी संतोष पाल (नालंदा), प्रदीप कुमार (जगनपुरा पटना), डॉ. बादल उर्फ मिथलेश (नालंदा) और गौरी महतो (घोसवरी) को गिरतार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि संतोष पाल ने मासूम को 3 लाख रुपए में झोला छाप डॉक्टर मिथिलेश उर्फ बादल के हाथों बेच दिया। फिर मिथिलेश ने अपने पार्टनर प्रदीप कुमार के साथ मिलकर एक बुजुर्ग गौरी महतो (60 वर्ष) 4 लाख रुपए में बेच दिया। आरोपियों के कब्जे से अपहृत मासूम को सुरक्षित बरामद कर मां के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
एसएसपी के निर्देश पर सेक्टर-6 भिलाई नगर महिला थाना टीआई श्रद्धा पाठक ने 25 जुलाई को अपराध दर्ज किया। एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उपनिरीक्षक खुशबू वर्मा, पूर्ण बहादुर सिंह, प्रधान आरक्षक तोरन सिंह, आरक्षक शहबाज खान और अमित दुबे समेत पांच सदस्यीय टीम गठित की। पहली टीम ने मुख्य आरोपी संगनी बाई को कोंडागांव से गिरतार किया। उससे पूछताछ की। क्लू मिला कि बिहार पटना में उसे बेचा गया है।
स्टेशन पर 9 माह के बच्चे को उसकी मां की गोद से छीना गया। मामले में प्रकरण दर्ज कर स्पेशनल टीम गठित की। टीम को मसूम को रिकवर करने में सफल रही। इस कार्यवाही से न केवल मासूम की जिंदगी सुरक्षित हुई बल्कि अपहरण गिरोह के बड़े नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।
Updated on:
17 Aug 2025 02:54 pm
Published on:
17 Aug 2025 02:53 pm
