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MP Election 2023 : अटेर विधानसभा में इस बार हुआ 67.44% मतदान, इस सीट पर दिखती है यूपी की सियासी झलक

भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट क्रमांक-9 पर शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुए मतदान में 67.44 फीसदी फाइनल वोटिंग हुई है। कांग्रेस ने हेमंत कटारे को प्रत्याशी बनाकर उतारा है तो वहीं भाजपा ने शिवराज सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को यहां प्रत्याशी घोषित किया है।

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MP Election 2023

MP Election 2023 : अटेर विधानसभा में इस बार हुआ 67.44% मतदान, इस सीट पर दिखती है यूपी की सियासी झलक

चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले भिंड जिला वैसे तो अपनी खड़ी बोली और गोली के लिए पहचाना जाता है। लेकिन राजनीतिक रसूख में भी इस जिले की खास पहचान है। जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं, जिसमें से एक सीट अटेर भी है। इस सीट को प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटों में से एक माना जाता है। उत्तर प्रदेश से सटे इस विदानसभा क्षेत्र में आपको यूपी की राजनीतिक झलक देखने को मिलती है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस से ज्यादा जातिगत समीकरण मायने रखते हैं।

17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में अटैर विधानसभा सीट पर 67.44 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 61.95 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 58.38 4 प्रतिशत ही वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।

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ये हैं भाजपा कांग्रेस के उम्मीदवार

कांग्रेस की बात करें तो अटेर विधानसभा सीट पर हेमंत कटारे को प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा ने इस सीट पर शिवराज सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को प्रत्याशी घोषित किया है।

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कांग्रेस के हेमंत काटरे

आपको बता दें कि, कांग्रेस पार्टी ने दिग्गज नेता रहे और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे और पूर्व विधायक हेमंत कटारे को एक बार फिर इस सीट से प्रत्याशी बनाकर उतारा है। इसका बड़ा कारण ये भी है कि हेमंत के पिता सत्यदेव कटारे अटेर विधानसभा सीट से लगातार कई बार विधायक भी रहे हैं। इस सीट पर कटारे परिवार का बड़ा होल्ड रहा। यही कारण है कि सत्यदेव कटारे के निधन के बाद उनके बेटे हेमंत कटारे को पार्टी ने यहां से टिकट दिया तो वो भी विधायक चुने गए। 2013 में हेमंत ने बीजेपी के अरविंद भदौरिया को हराया था। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के अरविंद भदौरिया ने हेमंत को चुनाव हरा दिया था। अब एक बार फिर ये दोनों नेता आमने सामने हैं।

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बीजेपी को अरविंद भदौरिया पर भरोसा

वहीं अरविंद भदौरिया अटेर का जाना माना चेहरा हैं। वो 2018 के चुनाव में न सिर्फ इस सीट से चुनाव जीते बल्कि इस समय शिवराज सरकार में सहकारिता मंत्री भी हैं। वो 4 बार चुनावी मैदान में उतरे और 2 बार चुनाव जीते हैं। हालांकि इस विधानसभा चुनाव में उनके लिए जीत की राह आसान नहीं है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो क्षेत्र का ब्राह्मण समाज इस बार उनसे नाराज चल रहे हैं।

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अटेर विधानसभा के मतदाता

अटेर विधानसभा के मतदाताओं की बात करें तो इस क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 38 हजार 29 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 29 हजार 368 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 8 हजार 657 है। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनावों पर गौर करें तो उस दौरान कुल 1 लाख 35 हजार 433 लोगों ने इस सीट पर मतदान किया था।

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विधानसभा की जनता की आवाज

1- जिले में कम से कम 6 फ्लाईओवर होना चाहिए, रेलवे क्रॉसिंग, लहार रोड, सुभाष तिराहे से इंदिरा गांधी चौराहे तक फ्लाईओवर बनने चाहिए।

2- औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर को मिलने वाले अनुदान का हिस्सा भिंड में भी खर्च होना चाहिए।

3- जिला नदियों से घिरा हुआ है। यहां डैम बनाकर विद्युत उत्पादन की व्यवस्था होनी चाहिए। इससे न सिर्फ जिले की बिजली जरूरतों की आपूर्ति होगी, बल्कि हम अन्य राज्यों को बिजली बेचने में भी सक्षम होंगे।

4- प्रदेश में सबसे ज्यादा शहीद भिंड जिले में हैं। यहां राष्ट्रीय नहीं तो कम से कम प्रदेश स्तर का शहीद स्मारक बनाया जाना चाहिए।

5- जिले में उच्च तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षण संस्थान की स्थापना होनी चाहिए।

6- गो-अभयारण्य बनना चाहिए, ताकि फसलें सुरक्षित हो सकें और किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके।

7- मध्य प्रदेश के सभी जिलों के प्रधान और जिला सत्र न्यायाधीशों को मानवाधिकार आयोग के सचिव का दर्जा दिये जाने पर चर्चा है, लेकिन अधिकारों का हस्तांतरण अबतक नहीं हो सका है, इससे जिले पर ही मानव अधिकारों पर सुनवाई हो सकेगी।

8- अमायन क्षेत्र 33 साल से नहर का मुद्दा का लंबित है। घोषणाएं हुईं, आवास बने, पर अबतक नहर नहीं आई।

9- नगर निगम के गठन की घोषणा तो हुई है। लेकिन, अबतक इसपर अमल नहीं हुआ। इस आवश्यक मुद्दे पर शीघ्रता बरतनी चाहिए और सुचारू संचालन किया जाना चाहिए।

10- शहर की यातायात और यात्री परिहवन व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए।

11- विधायकों की पेंशन बंद होनी चाहिए।

12- तहसील मुख्यालय होने से अटेर में सिविल न्यायालय शुरू होना चाहिए।

13- भिंड और अटेर के किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

14- अपर कमिश्नर और डीआईजी का मुख्यालय भिंड में किया जाना चाहिए।