scriptजल्द ही बंद हो जाएंगे मध्य प्रदेश में 13 हज़ार सरकारी स्कूल, जानिए कारण | 13 thousand government schools will closed in MP soon | Patrika News

जल्द ही बंद हो जाएंगे मध्य प्रदेश में 13 हज़ार सरकारी स्कूल, जानिए कारण

locationभोपालPublished: Aug 08, 2020 05:44:58 pm

Submitted by:

Faiz

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश में अधिकारियों से कहा गया है कि, उन सभी स्कूलों का समीक्षा कार्य फिर शे शुरु किया जाए, जहां छात्रों की संख्या 0 से 20 है। ऐसे स्कूल तुरंत बंद जाएंगे।

news

जल्द ही बंद हो जाएंगे मध्य प्रदेश में 13 हज़ार सरकारी स्कूल, जानिए कारण

भोपाल/ मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने का अभियान लगातार जारी है। साल 2019 में प्रदेश के 15 हज़ार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद किया जा चुका है। इसी तर्ज पर अब 2020 में भी अभियान स्वरूप करीब 13000 सरकारी स्कूल बंद करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, प्रदेश सरकार द्वारा जारी प्रावधान के तहत हर साल सरकारी स्कूल बंद किये जाएंगे।

 

पढ़ें ये खास खबर- GI TAG विवाद : बासमती चावल से अब राजनीतिक दल पका रहे खिचड़ी


राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किया आदेश

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश में अधिकारियों से कहा गया है कि, उन सभी स्कूलों का समीक्षा कार्य फिर शे शुरु किया जाए, जहां छात्रों की संख्या 0 से 20 है। ऐसे स्कूलों को समीप के स्कूलों में मर्ज कर शिक्षकों की सेवाएं कार्यालय या फिर अन्य स्कूलों में लगाई जाए। राज्य शिक्षा केंद्र की सूची में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के जिलों में सबसे ज्यादा स्कूल बंद करने पर फोकस है।

जांच टीम द्वारा जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक प्रदेश के देवास-18, शिवपुरी-16, उज्जैन-19, इंदौर-10, धार-21, खरगोन-27, सागर-48, दमोह-27, पन्ना-27 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां कक्षाओं में एक भी छात्र नहीं है। इसके अलावा, अन्य जिलों के सरकारी स्कूलों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, जांच में जिन जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 से कम होगी उन स्कूलों को बंद किया जाएगा।

 

पढ़ें ये खास खबर- कोरोना संक्रमण के शिकार हुए थे छात्र अब देंगे विशेष परीक्षा, MP बोर्ड ने जारी किया 12वीं कक्षा का टाइम टेबल


यह है वह सरकारी प्रावधान जो निशुल्क शासकीय शिक्षा को खत्म कर रहा है

स्कूल शिक्षा विभाग के नियमानुसार मिडिल स्कूल संचालित करने के लिए 20 से ज्यादा छात्र होना आवश्यक है, तो वहीं प्राइमरी स्कूल में उस स्थिति में ही संचालित हो सकते हैं जब 40 छात्र हों। अगर इससे कम छात्र संख्या होगी, तो सरकार छात्र संख्या बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगी, बल्कि स्कूल को नज़दीकी अन्य स्कूल में मर्ज करके एक स्कूल बंद कर देगी।

 

पढ़ें ये खास खबर- MP Corona Update : 37298 पहुंचा प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा, अब तक 962 मरीजों ने गवाई जान


स्कूल बंद करने पर सरकार का फोकस

कुल मिलाकर सरकार का फोकस स्कूल बंद करना है। यदि आप कर्मचारियों को स्वतंत्र छोड़ दें तो वह सरकारी हो या प्राइवेट काम नहीं करेंगे। यह प्रावधान उस समय उचित प्रतीत होता है, जब इसमें लिखा हो कि अगरग किसी इलाके में 5 साल तक बच्चे पैदा ना हो तो वहां स्कूल बंद कर दिया जाएगा, लेकिन अगर बच्चे हैं तो उन्हें स्कूल तक लाना और उनके लिए शिक्षा का प्रबंध करना सरकार की जिम्मेदारी होती है।

 

पढ़ें ये खास खबर- अब से रविवार को ही रहेगा प्रदेश में लॉकडाउन, बाज़ार खुलने के समय में भी हुआ बदलाव


राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त ने बताई वजह

राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त लोकेश जाटव का कहना है कि, जिन स्कूलों में छात्र ही नहीं, वहां शिक्षकों की क्या जरूरत है। ऐसे स्कूलों को समीप के किसी स्कूल में मर्ज किया जाएगा। पढ़ाई को व्यवस्थित रखने के लिए शिक्षकों आवश्यक्ता के अनुसार दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। फिलहाल इसकी समीक्षा की जा रही है। हर जिले में इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गए हैं।

 

डिलीवरी के दौरान बनाया गया वीडियो…।

https://youtu.be/lPFQ538V9IU
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो