18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एक साल में 279 सरकारी अफसर – कर्मचारी रिश्वत लेते धराए, एमपी में 26% बढ़ा करप्शन

मध्य प्रदेश में 26 फीसदी बढ़ी रिश्वतखोरी के मामले, एक साल में 279 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी ट्रैप, नायब तहसीलदार, CEO-SDO समेत कई रिश्वत लेते पकड़ाए।

2 min read
Google source verification
News

एक साल में 279 सरकारी अफसर - कर्मचारी रिश्वत लेते धराए, एमपी में 26% बढ़ा करप्शन

मध्य प्रदेश सरकार की सख्ती और लोकायुक्त पुलिस लगातार कारर्वाई के बावजूद सूबे में भ्रष्टाचार के मामले दिन - ब - दिन बढ़ते जा रहे हैं। आलम ये है कि, प्रदेश में ऐसा कोई सरकारी दफ्तर नहीं बचा है, जहां से रिश्वतखोरी के मामले सामने न आए हों। देश की सबसे छोटी इकाई पंचायत से लेकर शीर्ष स्तर के दफ्तरों तक और लिपिक से लेकर बड़े अफसरों तक रिश्वतखोरी के बिना सरकारी फाइल आगे नहीं बढ़ा रहे हैं।

ये बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि लोकायुक्त पुलिस की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि, मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में पिछले एक साल के भीतर भ्रष्टाचार के मामलों में 26 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक साल के भीतर मध्य प्रदेश के 279 सरकारी अधिकारी - कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़ाए गए हैं। लोकायुक्त ने 25 सरकारी विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की है। वहीं, बात करें साल 2021 की तो उस साल में लोकायुक्त टीम ने प्रदेशभर में 252 घूसखोरों को दबोचा था। 2021 की तुलना 2022 में 12 फीसदी से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।

यह भी पढ़ें- PM आवास के इन हितग्राहियों पर केस दर्ज, अब ऐसे लोगों को हो सकती है जेल


इन पदों पर बैठे जिम्मेदार रिश्वत लेते पकड़ाए

प्रदेश में रिश्वत लेने के मामले में पटवारी, सचिव, क्लर्क, डॉक्टर, डायरेक्टर, इंजीनियर, नायब तहसीलदार, रेंजर, सीईओ, एसडीओ, रेवेन्यू इंस्पेक्टर और पुलिसकर्मी समेत कई नाम शामिल है। पिछले 3 साल में 27 फ़ीसदी कर्मचारी राजस्व विभाग के रिश्वत लेते पकड़ाए हैं। पिछले 3 साल में 9 प्रतिशत पुलिसकर्मी रिश्वतखोरी करते हुए पकड़ाए हैं।

यह भी पढ़ें- थाने में 'दादागिरी' : पीड़िता बोली- जबरदस्ती OTP लेकर बंद की CM हेल्पलाइन की शिकायत, दुर्व्यवहार के भी आरोप


सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राज्य सरकारी दफ्तरों में

आपको बता दें कि, सरकारी कार्यालय रिश्वतखोरी का बड़ा अड्डा बने हुए हैं। इनमें भी सबसे अधिक रिश्वतखोरी राज्य सरकारों के ऑफिसों में होती है। भ्रष्टाचार की दीमक सिस्टम की व्यवस्थाओं को खोखला करती जा रही है। इस बड़े कानून और लगाम नहीं लगाया गया तो करप्शन का स्तर और ज्यदा बढ़ेगा। ऐसे में कड़े कानून के साथ कारर्वाई जरूरी हो गया है।