पुष्पांजली की प्रस्तुति राग गांभीर नट्टै, ताल आदि में निबद्ध रही
अगली कड़ी में श्लोकों की प्रस्तुति हुई। श्लोकों का जप बच्चों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह उनकी एकाग्रता, मांसपेशियों, संज्ञानात्मक कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करने के साथ उन्हें शांत रखता है। वहीं, दशावतार में भगवान विष्णु के दस अवतारों को संदर्भित करता है, जो संरक्षण के देवता हैं।दशावतार शब्द की उत्पत्ति दश से हुई है, जिसका अर्थ है ‘दस’ और अवतार (अवतार), जिसका अर्थ है ‘वंश’। ये अवतार सदियों से मानव विकास को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाते हुए माने गए हैं हैं। वहीं, राग नट्टै, ताल चतुरश्र एकम् में निबद्ध अलारिप्पु प्रस्तुति में देवों का आह्वान किया गया। वहीं, पुष्पांजली की प्रस्तुति राग गांभीर नट्टै, ताल आदि में निबद्ध रही। भरतनाट्यम नत्य प्रस्तुति का आरंभ ईश्वर को पुष्पांजली अर्थात पुष्पों की अंजलि अर्पित कर किया जाता है। अंत में ताल आदि में हनुमान चालीसा की प्रस्तुति हुई।