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कोरोना से 1 की मौत, दो माह में 9 की जान गयी, अब चिकनगुनिया और डेंगू भी दिखने लगे तांडव

- दो माह में नौ की गई जान, चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 25 हुई- कोरोना से एक की मौत, 51 नए पॉजिटिव मिले, चिकनगुनिया का मरीज भी मिला

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भोपाल। राजधानी में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। नए मरीज मिलने के साथ अब मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। गुरुवार को कोरोना से एक और मरीज की मौत हो गई। यह लगातार तीसरा दिन है, जब कोरोना से किसी मरीज की मौत हुई है। दो महीने में यहां 9 की मौत हुई है।

एयरपोर्ट रोड स्थित इंद्रप्रस्थ में रहने वाले 73 साल के महेश कुमार की चिरायु हॉस्पिटल में मौत हुई है। उन्हें 14 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 10 दिन बाद 24 जुलाई को वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। गुरुवार को राजधानी में 51 नए मरीज सामने आए।

डेंगू के साथ चिकनगुनिया भी फैल रहा
इधर कोरोना के साथ डेंगू और चिकनगुनिया भी पैर पसारने लगा है। गुरुवार को बैरागढ़ क्षेत्र में चिकनगुनिया का मरीज भी मिला। मरीज को बुखार और जोड़ों में दर्द के बाद डेंगू का सैंपल लिया गया था। डेंगू निगेटिव आने के बाद चिकनगुनिया का टेस्ट पॉजिटिव आया। शहर में चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या अब 25 हो चुकी है।

वहीं केवल भोपाल में ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों चिकनगुनिया और कहीं-कहीं डेंगू के अनेक मरीज सामनेर आ रहे हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है की यदि इनके मरीजों की संख्या में ऐसे ही बढोतरी होती रही तो ये बीमारी प्रदेश में तांडव मचा देगी।

चिकनगुनिया:
चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है, जो पहली बार अफ्रीकी देश तंजानिया में फैली थी, लेकिन अब यही बीमारी किसी महामारी की तरह पूरी दुनिया में फैल चुकी है। इससे हर साल लोगों की मौतें होती हैं। दरअसल, कोरोना वायरस की तरह चिकनगुनिया बीमारी भी एक वायरस से फैलती है। इंसानों के शरीर में यह एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह वायरस ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है, जिस प्रकार की स्थिति डेंगू में होती है-

चिकनगुनिया के लक्षण -
- अचानक तेज बुखार आना।
- जोड़ों में दर्द ।
- मांसपेशियों में दर्द ।
- सिरदर्द, मतली ।
- थकान, त्वचा पर लाल चकते ।

पीड़ित मरीज को सालों तक रह सकता है जोड़ों का दर्द -
चिकनगुनिया से पीड़ित ज्यादातर मरीज वैसे तो पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को जोड़ों का दर्द महीनों या कभी-कभी सालों तक रह सकता है। इसके अलावा कभी-कभी मरीज को आंखें और हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह वैसे लोगों के लिए अधिक गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, जो उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड-प्रेशर के मरीज हैं।

लक्षणों को समझने में कभी-कभी हो जाती है गलती -
अक्सर चिकनगुनिया से संक्रमित व्यक्तियों में हल्के लक्षण होते हैं या संक्रमण की ठीक से पहचान नहीं हो पाती है या कभी-कभी इस बीमारी के लक्षणों को डेंगू के लक्षण समझने की गलती भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय-
- अपने आसपास साफ-सफाई रखें ।
- मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं ।
- पूरी बाजू की शर्ट पहनें या हो सके तो अपने पूरे शरीर को ढंक कर रखें।
- मच्छरदानी लगाकर सोएं तो ज्यादा बेहतर है।


चिकनगुनिया होने पर क्या करें? -
- ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लें।
- तला-भुना खाने से बचें ।
- घर पर ही रहें और जितना ज्यादा हो सके आराम करें ।
- किसी भी तरह की दवाई का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

डेंगू: Dengue
डेंगू के लक्षण:

- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द ।

- शरीर पर पड़ने वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुनः वापस भी आ जाते हैं।

- तेज़ बुखार ।

- बहुत तेज़ सिर दर्द ।

- आँखों के पीछे दर्द ।

- ल्टी आना और चक्कर महसूस होना।


डेंगू से बचाव के उपाय :-
स्वच्छता में ही भगवान बसते हैं:

अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।


पानी को किसी जगह इकठ्ठा न होने दें:

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किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें । गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें। मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें।

मच्छर मारने वाली मशीन और जाली का उपयोग : मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।

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