पूर्व पीसीसीएफ शर्मा भी इस मामले में तीनों रिटायर्ड पीसीसीएफ की मदद कर रहे हैं। वे जल्द ही तीनों रिटायर्ड अफसरों को भी वन बल प्रमुख वेतनमान से पेंशन देने की आरडी शर्मा की अगुआई में अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव से मिलेंगे।
इधर, रिटायर्ड एपीसीसीएफ ने इस पूरे मामले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि वन बल प्रमुख का पद 2008 में निर्मित किया था। केन्द्र सरकार ने वन बल प्रमुख को मुख्य सचिव के समान अपेक्स वेतनमान 80 हजार रुपए फिक्स किया था।
ऐसे में 2008 से पहले रिटायर्ड हुए पीसीसीएफ को इस वेतनमान से पेंशन नहीं दी जाना चाहिए। डबास ने वन विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने हाईकोर्ट में इस मामले की पैरवी अच्छे से नहीं की, इस कारण पूर्व पीसीसीएफ आरडी शर्मा पेंशन का केस जीत गए। अब इसे आधार बनाकर 2008 से पहले रिटायर्ड होने वाले दूसरे पीसीसीएफ भी पेंशन मांग रहे हैं जो कि गलत है। इससे सरकारी खजाने को बेवजह चपत लगेगी।
विभाग ने जिस तरह से पूर्व पीसीसीएफ आरडी शर्मा को वन बल प्रमुख के वेतनमान से बढ़ी हुई पेंशन देने का आदेश दिया है वैसे हम लोगों को देना चाहिए। इस संबंध में हम लोग एसीएस से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। – डॉ. रामप्रसाद, पूर्व पीसीसीएफ
यह गलत पंरपरा बनी है। इनके रिटायरमेंट के समय यह पद ही नहीं था तो उसके हिसाब से पेंशन कैसे दी जा सकती है। विभाग को इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए। – आजाद सिंह डबास, पूर्व एपीसीसीएफ