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Memory: कंचे खेलने के शौकीन थे अटलजी, गुजिया और चिवड़ा भी साथ ले जाते थे

locationभोपालPublished: Aug 16, 2018 06:01:30 pm

Submitted by:

Manish Gite

Memory: कंचे खेलने के शौकीन थे अटलजी, गुजिया और चिवड़ा भी साथ ले जाते थे

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Memory: कंचे खेलने के शौकीन थे अटलजी, गुजिया और चिवड़ा भी साथ ले जाते थे


भोपाल। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जितने गंभीर थे उतने ही मजाकिया भी थे। अटलजी को करीब से जानने वाले लोग भी कहते थे कि वे बचपन से बेहद नटखट थे। साथ ही उन्हें कंचे खेलने का भी काफी शौक था।

mp.patrika.com आपको बता रहा है भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े कुछ किस्से…।

 

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अटल बिहारी वाजपेयी के करीब मित्र बताते हैं कि वे बचपन में इतने नटखट थे कि वे जब मूड हुआ तो कंचे खेलने भी लग जाते थे। वे बचपन में अपने बाल मित्रों के साथ अक्सर कंचे खेलने के लिए पहुंच जाते थे। इसके अलावा उन्हें गुजिया और ग्वालियर का चिवड़ा भी खूब भाता था। प्रधानमंत्री रहते हुए अटलजी जब भी ग्वालियर पहुंचते थे तो ढेर सारा चिवड़ा लेकर अपने साथ जाते थे।

शिक्षक के घर हुआ था जन्म
एक स्कूल टीचर के घर में जन्मे अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई। यहां के विक्टोरिया कॉलेज से उनकी पढ़ाई हुई, जिसे आज लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है। ग्वालियर में पढ़ाई के दौरान चालीस के दशक की शुरुआत में अटलजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। इसके बाद उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन में जेल भी जाना पड़ा। उस वक्त हिन्दू माहौल था और वाजपेयी की कविता हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन…हिन्दू मेरा परिचय, यहीं से मशहूर हो गई थी।

 

पत्रकारिता से किया करियर शुरू
अटलजी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद पत्रकारिता में करियर शुरू किया। अटलजी को अपने पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी से कविता विरासत में मिली थी। इस कवि, पत्रकार के सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 1977-78 में वे विदेश मंत्री बने तो ग्वालियर पहुंचने के बाद वे भाजपा के संगठन महामंत्री के साथ साइकिल से सर्राफा बाजार निकल पड़े थे, लेकिन 1984 में अटलजी इसी सीट से चुनाव हार गए थे। फिर भी राजनीति की तेड़ी-मेढी राहों पर वे आगे बढ़ते रहे।

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भोपाल से है गहरा नाता
अटलजी का भोपाल से गहरा नाता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की भतीजी रेखा शुक्ला और उनका परिवार अभी भी भोपाल में है। जब तक अटल बिहारी चलते-फिरते थे, तो वे अक्सर अपनी भतीजी के घर आ जाते थे। बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि अटल बिहारी भोपाल यात्रा के दौरान अपनी भतीजी रेखा के घर ठहरते थे। वहीं भोजन करते थे और सुकून से समय गुजारते थे। वह खाने के भी शौकीन थे इसलिए वह खासतौर से भतीजी के यहां अपनी पसंद का भोजन भी बनवाते थे। यही वह समय था जब वे खाली वक्त में कविताएं और भाषण भी रेखा के घर में ही बैठकर लिखते थे।

 

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मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर अटलजी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि परम आदरणीय हम सभी के श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। उनके स्वास्थ्य में गिरावट की खबर से मन विचलित है। हम सभी उनके दीर्घायु होने की कामना करते हैं। इधर, खबर है कि सीएम शिवराज सिंह गुरुवार को दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं।

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