19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कैबिनेट बैठक में पेश होगी नई लोक परिवहन नीति, इंदौर-उज्जैन के नए रूट दौड़ेंगी बसें

MP Cabinet: कैबिनेट बैठक में आज नई लोक परिवहन नीति प्रस्तुत की जाएगी, इन प्रस्तावों को मिल सकती है मंजूरी

2 min read
Google source verification
Mohan Cabinet

MP Cabinet: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीएम मोहन यादव आज कैबिनेट बैठक लेंगे। ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है।

बता दें कि कैबिनेट बैठक में आज नई लोक परिवहन नीति प्रस्तुत की जाएगी। इसके साथ ही एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की एनीमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग नीति 2025 को भी मंजूरी मिल सकती है। वन विभाग की वनस्थापना नीति 2025 को भी मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट बैठक में PMAY 2.0 का ड्राफ्ट भी रखा जाएगा।

इंदौर-उज्जैन संभाग में नए रूट्स पर दौड़ेंगी बसें

एमपी में 19 वर्ष से बंद लोक परिवहन को पटरी पर लाने की कवायद अंतिम चरण में है। इंदौर- उज्जैन संभाग में नए रूट्स को लेकर सर्वे प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह प्रस्तावित नई लोक परिवहन नीति के तहत किया जा रहा है। कैबिनेट बैठक में मंगलवार को नीति पर चर्चा संभावित है। माना जा रहा है कि सरकार निजी बस ऑपरेटरों की समय-समय पर की जाने वाली हड़ताल से निपटने के विकल्पों को शामिल करने जा रही है। कैबिनेट बैठक में पीएम शहरी आवास योजना के तहत 10 लाख आवास बनाने समेत अन्य प्रस्तावों को भी शामिल किया जा सकता है।

20 फीसदी पुराने रूट्स का किया जाएगा ऑडिट

सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार उन क्षेत्रों में नए रूट खोज कर रही है, जहां लोक परिवहन की सबसे ज्यादा जरूरत थी और अब है, लेकिन बसें संचालित नहीं हैं। इसके अलावा फायदे वाले उन रूटों का ऑडिट कराया जा सकता है, जहां एक या दो ऑपरेटरों की ही बसें है। एक रूट, एक ऑपरेटर का कब्जा अब नहीं चलेगा प्रदेश के कई जिलों, संभागों में एक रूट, एक निजी ऑपरेटर का कब्जा जैसी स्थिति है। नई नीति में सरकार इसे तोडऩे जा रही है। ऑडिट में ऐसे रूट की पहचान की जाएगी और लोक परिवहन की बसों को इंटर कराया जाएगा। प्रस्तावित लोक परिवहन नीति में इस बात को सरकार शामिल करने जा रही है।

मुख्यमंत्री सिर्फ एक स्टेट होल्डिंग कंपनी पर राजी

बता दें कि लोक परिवहन के स्ट्रक्चर को लेकर अधिकारियों ने कई दौर की बैठकें कीं। जिसमें तय किया था कि आठ कंपनियां बनाई जाएंगी। इनमें से सात संभागीय स्तर पर और एक राज्य स्तर पर होगी, जो कि सात कंपनियों की होल्डिंग कंपनी होगी। सूत्रों के मुताबिक जब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा गया तो उन्होंने सात सब कंपनियों के प्रस्ताव की जगह पूर्व से भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर में शहरी बस सेवा के लिए गठित कंपनियों की मदद लेने पर जोर दिया है। हालांकि इन कंपनियों की संख्या कम है, जिसे बढ़ाया जा सकता है।

ये भी पढ़ें: सार्वजनिक स्थानों पर महिलाएं UNSAFE, पत्रिका स्टिंग ऑपरेशन में बड़ा खुलासा