पढ़ें ये खास खबर- IIT Exam Online : व्हाट्सएप पर परीक्षार्थियों को दिये जा रहे प्रश्न पत्र, इस तरह देना होंगे जवाब
इससे होंगे दो फायदे
खासतौर पर बच्चों के लिए जो व्यवस्था की गई है, उसकी खास बात ये है कि, बच्चों का कोरोना टेस्ट करने से पहले जांच टीम द्वारा उनसे दोस्ती की जाएगी, इसके लिए उन्हें चॉकलेट और फ्लेवर्ड मिल्क पिलाकर कोरोना की जांच की जाएगी। इससे दो फायदे होंगे, एक तो बच्चे चीज़ मिलने पर जांच टीम से फ्रेंडली हो सकेंगे, साथ ही ये कि, जिस किसी को भी कोरोना वायरस होता है, तो उसके सूंघने और स्वाद की क्षमता बेहद कमजोर हो जाती है। बच्चे क्योंकि ज़ाहिर नहीं कर पाते इसलिए चॉकलेट खिलाकर पता किया जाएगा कि कहीं उसे कोरोना तो नहीं।
पढ़ें ये खास खबर- कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल की जा रही ये खास दवा, सामने आ रहे सकारात्मक नतीजे
कोरोना मरीज में कम होती है ये क्षमता
1 जुलाई से प्रदेशभर में होने वाले कोरोना टेस्ट करने वाली टीमों को खास हिदायत दी गई है कि, वो बच्चों की टेस्टिंग करते समय नियमों का खास ध्यान रखें। वायरस की म्यूटेशन लगातार जारी है। ऐसे में कोरोना के लक्षण मरीज़ में दिखाई नहीं देते। हालांकि, एक्सपर्टस के मुताबिक, कोरोना होने पर सूंघने और स्वाद की क्षमता कम हो जाती है। यही कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है। बड़े तो इस बात को महसूस कर लेंगे, लेकिन मासूम बच्चे इसे ना समझ पाए तो ये पूरे परिवार के लिए नुकसान दे साबित हो सकता है।
पढ़ें ये खास खबर- अब 31 जुलाई तक बंद रहेंगे प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल, आदेश जारी
चॉकलेट खिलाओ खुद जान जाओ
इस समस्या को हल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक फैसला लिया है। डोर-टू-डोर सर्वे हो या अस्पतालों में जांच, स्वास्थ्य अमला बच्चों तो चॉकलेट खिलाकर और फ्लेवर्ड मिल्क पिलाकर इसकी जांच करेगा। साथ ही, बच्चों को अलग-अलग खुशबू वाले पदार्थ से उनकी स्वाद और सूंघने की क्षमता जांची जाएगी। जिन बच्चों में ये क्षमता कम होगी, उनके क्लीनिकल लक्षणों के आधार पर कोरोना जांच होगी।