इसकी वजह से फरवरी में ही बैरागढ़ छोर से बड़ा तालाब सूख चुका है। जिसकी वजह से कई क्षेत्रों में अभी से ही पानी की समस्या गहराने लगी है। अगर यहीं आलम रहा तो गर्मी के दिनों में भीषण जल संकट से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे हालात में यह तय है कि गर्मी के दौरान पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा।
दरअसल, बरसात में बड़े तालाब का वॉटर लेवल टैंक जितना होना चाहिए था, वह उतना नहीं हो सका था, फुल टैंक से लगभग 6 फीट तक पानी कम रह गया था। बड़े तालाब में पानी का स्टॉक अधिक हो सके इसके लिए बारिश से पूर्व सीहोर नाका बैरागढ़ तालाब किनारे गहरीकरण किया गया था, जिसमें कई सामाजिक संस्थाओं ने श्रमदान किया था।
लेकिन उस किनारे से भी पानी सूख चुका है, इसकी जगह सिर्फ सूखा दिखाई दे रहा है। जबकि अभी गर्मी के दिन आने में कुछ ही दिन बचे हैं और फरवरी में ही पानी की किल्लत होने लगी है। अगर ऐसे ही जलस्तर गिरता रहा तो अप्रैल-मई में भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ेगा।
तीन दिन में एक बार हो सकती है पानी की सप्लाई
संतनगर में पानी की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। तालाब किनारे से सूख चुका है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। इसके कारण पानी की सप्लाई तीन दिन में एक बार हो सकती है। अभी पानी की सप्लाई दो दिन में एक बार की जाती है। राहुल नगर और बूढ़ाखेड़ा सहित संत नगर की कई बस्तियों में समय पर पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है।
30 एमजीडी पानी सप्लाई होता है शहर में रोजान बड़े तालाब से
1666.80 फीट बड़े तालाब का फुल टैंक लेवल है
1660.90 फीट बरसात के बाद अक्टूबर में टैंक लेवल
1656.70 फीट अभी फरवरी में बड़े तालाब का टैंक
तालाब में जलस्तर बढ़ाने के लिए गहरीकरण कराया गया था। शहर में गर्मी में जल समस्या न हो इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। पर्याप्त जलापूर्ति हो इसका पूरा प्रयास किया जाएगा।
आलोक शर्मा, महापौर