दरअसल पिछले दिनों GST पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि पेट्रो उत्पादों पर जीएसटी की दरें तय की जा चुकी हैं।
इसके लिए अब बस, तारीख का ऐलान बाकी है जब से यह लागू होगा। ऐसे में लोगों को आशा है कि अब जल्द पेट्रोल व डीजल के दाम में कमी आएगी।
वहीं इसके बाद उन्होंने यह कह कर लोगों में निराशा भी पैदा कर दी कि 28 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेट्रोल को जीएसटी दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी।
उनके अनुसार जीएसटी की दरें तय होने के बाद अब यह सरकार को तय करना है कि वह कब से पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी दरें लागू करती है।
जानकारों के अनुसार इन्हीं सब दुविधा भरी बातों को देखते हुए अब देश के पांच राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पेट्रोल-डीजल के रेट बराबर रखने पर सहमत हो गए। इन राज्यों में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश और चंडीगढ़ शामिल हैं।
सामने आ रही जानकारी के अनुसार इन राज्यों के वित्त मंत्रियों और अफसरों की मंगलवार को मीटिंग हुई थी। जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर बराबर हो। वहीं अब आखिरी फैसला अक्टूबर में दिल्ली में होने वाली बैठक में लिया जाएगा।
वहीं इस खबर के सामने आते ही मध्यप्रदेश के नागरिकों को निराशा का अहसास हुआ। उनका कहना था कि जब और राज्य रेट कम करने को लेकर सहमति बना सकते हैं तो मध्यप्रदेश क्यों नहीं…
देखिए मेरी नजर में इन राज्यों के साथ मध्यप्रदेश को भी खड़ा होना चाहिए थ। क्योंकि यदि कोई कहे कि नहीं हमें भाजपा राज्य होने के चलते इसमें नहीं लिया गया तो जनाब उप्र,हरियाणा और हिमाचल में भी तो भाजपा की ही सरकार है। ऐसी कोशिश हमारे मध्यप्रदेश से न होना बहुत दुखद है।
– एचपी शुक्ला, कर्मचारी निजी क्षेत्र, भोपाल
यदि दाम जल्द कम नहीं हुए तो इसका सीधा नुकसान सरकार को ही उठाना पड़ेगा, क्योंकि वैसे ही सरकार के प्रति कई समुदायों में रोष है। ऐसे में पेट्रोल डीजल में भी लगातार महंगाई सरकार को ही दिक्कत में लाएगी।
– आरपी सिंह, दुकान संचालक, भोपाल
जीएसटी की ओर से कहा जाता है कि दरें तय हैं तो अब हम इस पर चर्चा नहीं करेंगे। सरकार निर्णय ले, लेकिन कोई ये भी बताएगा ये निर्णय होगा कब। ये पेट्रोल डीजल के दाम हर घर में बजट बिगाड़ रहे हैं।
– सारिका शर्मा, डॉयरेक्टर निजी कंपनी
सरकार की इस देरी में परेशान तो जनता ही हो रही है। फिर भी निर्णय नहीं ले पा रहे। पेट्रोल डीजल के दाम आम आदमी को काफी भारी पड़ रहे हैं। दूसरी सरकारें कुछ तो उपाय कर रही हैं। लेकिन हमारी सरकार तो…, अब चुनाव ही बताएगा।
– अजय सिंह, छात्र
महंगाई ने परेशान कर रखा है कुछ पेट्रोल डीजल सस्ता होता तो कई चीजें सस्ती होती। पूरी जनता को लाभ मिलता। लेकिन चुनाव के आसपास देखिएगा अचानक दाम बढ़ने चुनाव खत्म होने तक रुक जाएंगे। कुल मिलाकर सरकार को जनता की नहीं केवल अपनी चिंता है।
– शिल्पी गोयल, ग्रहणी
यहां बन रहा संदेह…
पेट्रो उत्पादों पर जीएसटी के मामले में कुछ संदेह भी अब सामने आने लगे हैं। जानकारों के अनुसार जीएसटी की दरें लागू करने के मामले में जीएसटी परिषद व पेट्रोलियम विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद डालने का खेल खेलते दिख रहे है।
इसी के चलते जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि पेट्रो उत्पादों पर जीएसटी की दरें तय की जा चुकी हैं। इसके लिए अब बस, तारीख का ऐलान बाकी है जब से यह लागू होगा।
चेयरपर्सन के अनुसार 28 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेट्रोल को जीएसटी दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी। उनके अनुसार जीएसटी की दरें तय होने के बाद अब यह सरकार को तय करना है कि वह कब से पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी दरें लागू करती है।
जबकि पूर्व में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी राज्यसभा में कहा था कि ‘संविधान के अनुच्छेद 297A(5) में साफ किया गया है कि ये जीएसटी परिषद को तय करना होगा कि किस तारीख से पेट्रोलियम क्रूड, हाइस्पीड डीजल, मोटर स्पीरिट, प्राकृतिक गैस, जेट फ्यूल पर जीएसटी टैक्स लागू किया जाएगा।’
यहां प्रधान ने ये भी कहा था कि इस तरह पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के तहत संवैधानिक स्तर पर शामिल हो चुके हैं। लेकिन इन पर जीएसटी रेट कब से लगेगा, यह फैसला जीएसटी परिषद को लेना है।
यानि कुल मिलाकर जीएसटी रेट लागू करने को लेकर आखिरी निर्णय कौन लेगा, ये अभी भी असमंजस्य में है। सरकारों ने ये लिया निर्णय!…
मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आ रही जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ समेत छह राज्य 3% से 4% तक वैट घटा सकते हैं। इससे पेट्रोल, डीजल दो रुपए तक सस्ता होगा। इन सभी राज्यों में से पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 35.12% वैट पंजाब में लगता है।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स की दरें राज्य – पेट्रोल पर टैक्स – डीजल पर टैक्स
पंजाब – 35.12% – 16.74%
दिल्ली – 27.00% – 17.24%
उत्तरप्रदेश – 26.90% – 16.84%
हरियाणा – 26.25% – 17.22%
हिमाचल प्रदेश – 24.43% – 14.38%
चंडीगढ़ – 19.76% – 11.42%
जानकारों के अनुसार पेट्रोल-डीजल के रेट पिछले कई दिनों से रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों से टैक्स घटाने की अपील की। वहीं जो राज्य एक समान रेट रखने पर सहमत हुए हैं उनमें से तीन (हरियाणा, हिमाचल, उत्तरप्रदेश) में भाजपा की सरकार है।
जिसके बाद चंडीगढ़ में मंगलवार को हुई राज्यों की बैठक में दूसरे मुद्दों पर भी सहमति बनी। आबकारी नीति, ट्रांसपोर्ट परमिट और गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी एक जैसी की जाएगी। राज्यों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो दो हफ्ते में रिपोर्ट देगी।
बैठक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
जो सूचना सामने आ रही है उसके अनुसार अभी तक चार राज्यों ने पेट्रोल-डीजल के रेट कम किए हैं। राजस्थान सरकार ने वैट 4% कम किया। आंध्रप्रदेश और कर्नाटक ने 2-2 रुपए घटाए। वहीं पश्चिम बंगाल में एक रुपया कम किया गया।