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मध्य प्रदेश में सबसे अधिक शिशु मृत्यु दर, 1,000 जीवित जन्मों में 48 मौतें दर्ज

locationभोपालPublished: Jul 03, 2020 05:02:03 pm

Submitted by:

Faiz

जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से 48 की हो जाती है मौत, मध्य प्रदेश में सबसे अधिक शिशु मृत्यु दर के आंकड़े।

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मध्य प्रदेश में सबसे अधिक शिशु मृत्यु दर, 1,000 जीवित जन्मों में 48 मौतें दर्ज

भोपाल/ मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ कोरोना वायरस लगातार अपने पाव पसार रहा है, जो लोगों की जान लेने का भी सबब बना हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के नवीनतम आंकड़ों ने भी चौकाने वाला खुलासा किया है। आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में प्रति 1 हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों में से औसतन 48 बच्चों की मौत हो जाती है। चौंकाने वाली बात ये है कि, ये प्रदेश की ये शिशु मृत्यु दर भारत में सबसे अधिक है। जबकि, केरल में देश की सबसे कम यानी प्रति 1 हजार पर 7 मृत्यु दर है।

 

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अन्य राज्यों में ये है मृत्यु दर

हालांकि, मौजूदा आंकड़े देश के औसतत शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। भले ही वह 2017 में 33 से बढ़कर 2018 में 32 पर पहुंच गया है। शिशु मृत्यु दर मध्य प्रदेश में सबसे अधिक है और 2018 में प्रति हजार जीवित जन्मों में 48 है, जबकि केरल में मृत्यु दर सबसे कम है। बिहार में जन्म दर 26.2 और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में जन्म दर 11.2 है। छत्तीसगढ़ में मृत्यु दर 8 है।

 

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देशभर में आया सुधार

बता दें कि, दरों की गणना प्रति 1,000 जनसंख्या पर की जाती है। भारत में मृत्यु दर में पिछले चार दशकों में 1971 में 14.9 से लेकर 2018 में 6.2 तक की गिरावट देखी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गिरावट में कमी आई है। पिछले दशक में, राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 7.3 से घटकर 6.2 हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसी गिरावट 7.8 से 6.7 और शहरी क्षेत्रों में 5.8 से 5.1 है।

 

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जन्म दर में आई गिरावट

जन्म दर की बात करें तो, यह जनसंख्या वृद्धि का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है। 1971 में 2018 में 36.9 से 20.0 तक पिछले चार दशकों में भारत की जन्म दर में भारी गिरावट आई है। ग्रामीण-शहरी अंतर भी कम हो गया है। हालांकि, पिछले चार दशकों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म दर लगातार बढ़ी है। पिछले दशक में जन्म दर में करीब 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जो 2009 में 22.5 से 2018 में 20.0 थी। ग्रामीण क्षेत्रों में इसी गिरावट 24.1 से 21.6 है, और शहरी क्षेत्रों में ये 18.3 से 16.7 पर आ पहुंची है।

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