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एनजीटी में सीएस की रिपोर्ट पेश, डंप साइट का चौंकाने वाला खुलासा

MP news: १००० एमएलडी सीवेज बिना ट्रीटमेंट बह रहा, सीएस बोले-2026 तक पूरे करेंगे सभी काम...

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NGT(फोटो: सोशल मीडिया)

MP News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच में गुरुवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन ने शपथ-पत्र के साथ सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की अब तक की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में रोज निकलने वाले घरेलू कचरे में से 99.73% की प्रोसेसिंग दावा किया। बताया, अभी कचरा निस्तारण में केवल 18 टन प्रति दिन का गैप है। यह मार्च तक पूरा होगा। लीगेसी वेस्ट या डंप साइट पर बरसों से जमा कचरा साफ नहीं हो सका है। प्रदेश में डंप साइट्स पर 23.78 लाख टन कचरा पड़ा है। इसे दिसंबर 2026 तक साफ करने का वादा किया है।

इसी तरह 1000 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट के इंतजाम भी अब तक नहीं हो सके हैं। यह सीवेज विभिन्न जलस्रोतों में मिल रहा है। सीएस ने बताया, मप्र में वेस्ट मैनेजमेंट में 14,574 करोड़ रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत मंजूर किए हैं। एनजीटी ने कहा, पिछली सुनवाई से कुछ प्रगति दिख रही है। लेकिन पूरे इंतजाम नहीं हैं। ट्रिब्यूनल ने मप्र के संबंध में आदेश सुरक्षित रखा है।

मैनेजमेंट में 14,574 करोड़ रुपए विभिन्न योजनाओं के तहत मंजूर किए हैं। एनजीटी ने कहा, पिछली सुनवाई से कुछ प्रगति दिख रही है। लेकिन पूरे इंतजाम नहीं हैं। ट्रिब्यूनल ने मप्र के संबंध में आदेश सुरक्षित रखा है।

स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश की उपलब्धियां बताईं

शासन की ओर से दी गई रिपोर्ट में हाल ही में स्वच्छ सर्वे के परिणामों के बारे में बताया गया है। मध्यप्रदेश ने वर्ष 2022 में प्रथम स्थान, 2023 में द्वितीय और 2024 के सर्वे में टॉप परफॉर्मिंग स्टेट का अवार्ड मिला है। हाल ही में आए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में भी इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया है। सीएस ने बताया है कि यह परिणाम दर्शाते हैं कि मध्यप्रदेश में गंभीरतापूर्वक वेस्ट मैनेजमेंट और साफ- सफाई के काम किए जा रहे हैं।

2018 से चल रही सुनवाई

एनजीटी (NGT) की प्रिंसिपल बेंच में 2018 से वेस्ट मैनेजमेंट की सभी राज्यों से रिपोर्ट लेकर सुनवाई की जा रही है। गुरुवार को मप्र की सुनवाई हुई। ट्रिब्यूनल ने पिछली सुनवाई में असंतोष जताया था और एक फॉर्मेट में जानकारी मांगी थी। सीएस ने अब तक की प्रगति के बारे में वर्चुअली जानकारी दी। नगरीय विकास व एमपीपीसीबी के अधिकारी भी सुनवाई में शामिल हुए।

'निगरानी की यह प्रक्रिया तय'

एनजीटी को शासन ने बताया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के क्रियान्वयन के लिए सभी निकायों को सख्त निर्देश दिए हैं। प्रगति की निगरानी प्रक्रिया तय की है। हर सप्ताह निकाय स्तर पर समीक्षा होती है। हर 15 दिन में आयुक्त और हर माह एसीएस और हर क्वार्टर में सीएस समीक्षा करते हैं।