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हालात यह थे कि प्रदेश में हर रोज 685 मीट्रिक टन की जरूरत पड़ रही थी। तीसरी लहर में ऐसी समस्या न आए, सरकार अस्पतालों को ऑक्सीजन आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में 176 पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनसे रोजाना करीब 1,07,490 लीटर प्रति मिनट यानी 215 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अस्पतालों में बनकर सीधे मरीजों के बिस्तर तक पहुंचेगी। इनमें से 28 पीएसए प्लांट्स शुरू हो गए हैं। वहीं एयर सेपरेशन यूनिट से प्रतिदिन 160 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तैयार की जाएगी। यही नहीं एलएमओ टैंक की वर्तमान स्टोरेज कैपेसिटी 750 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1041 मीट्रिक टन की जा रही है।
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पीएम केयर फंड से तैयार होंगे प्लांट
जानकारी के मुताबिक अस्पतालों में अलग-अलग संस्थाओं और द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम किया जा रहा है। इनमें से दो कंपनियों के पास 17 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का जिम्मा था। काम शुरू के पहले ही दोनों कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए, ऐसे में अब केन्द्र सरकार पीएम केयर फंड से इन पीएसए प्लांट को तैयार करा रही है।
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ऑक्सीजन की आगामी योजना
सेकंड वेब के पीक पर डेली डिमांड 685 मीट्रिक टन अब 176 पीएसए प्लांट से बनेगी 225 मीट्रिक टन वही एयर सेपरेशन यूनिट से सप्लाई 160 मीट्रिक टन होगी। एलएमओ टेंक की वर्तमान स्टोरेज कैपेसिटी 750 मीट्रिक टन निर्धारित है जो एलएमओ स्टोरेज की कैपेसिटी 291 मीट्रिक टन तक बढेगी।
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