scriptसरकार के गैर जिम्मेदराना रवैये की हद : कमलनाथ | The extent of the irresponsible attitude of the government: Kamal Nath | Patrika News

सरकार के गैर जिम्मेदराना रवैये की हद : कमलनाथ

locationभोपालPublished: Apr 20, 2021 03:03:06 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

कोर्ट की अवहेलना पर कानूनी कार्यवाही और हर्जाना के दरवाजे खुले : विवेक तन्खा
 

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भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अब फिर प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों की मौत की दुखद खबर है। 13 दिन में 56 लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हो गई है। जिम्मेदारों के ऑक्सीजन की आपूर्ति के सारे दावे झूठे साबित हो रहे हैं। नींद में सोई यह सरकार आखिर कब और कैसे जागेगी। जनता को भगवान और ख़ुद को पुजारी बताने वाले , उनके सामने चुनावों में घुटने के बल बैठने वालों ने आज जनता को लावारिस व भगवान भरोसे छोड़ दिया है। निष्ठुरता , लापरवाही , नाकामी व गैरजिम्मेदराना रवैये की अब तो हद हो गयी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर हमलावर कांग्रेस

भोपाल : कोविड के दौरान स्वास्थ्य की बदहाली को लेकर आए हाईकोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस, प्रदेश सरकार पर और हमलावर हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि माफ करो शिवराज्र यह है आप की सरकार। विपक्ष आपका दुश्मन नहीं दोस्त है। महामारी का वक्त है हम जनता का दर्द ही बता रहे थे,फिर क्यों हमें जवाब मिल रहे हैं कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है ना होने देंगे। जरा सोचिए कौन कहता ईश्वर नहीं है। इस वक्त ईश्वर के रूप में न्यायालय हमारे संरक्षण में है। मध्यप्रदेश, इलाहबाद, तेलंगाना और अन्य हाईकोर्ट के निर्णयों से निष्कर्ष निकला है कि रेमडेसिविर समेत अन्य इंजेक्शन एवं ड्रग्स मरीजों को समय सीमा में उपलब्ध करने की जिम्मेदारी प्रशासन की, आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाइए एवं रिपोर्ट 36 घंटे के भीतर उपलब्ध हों और बेड हास्पिटल उपलब्ध कराइए। यदि यह नहीं करेंगे तो प्रशासन पर कोर्ट की आदेशों की अवहेलना की कार्यवाही सम्भव है। मुख्य मंत्री , स्वास्थ्य मंत्री, सचिव , कलेक्टर्स, सीएमएचओ पर ट्रीटमेंट, लापरवाही से मौतों पर कानूनी कार्यवाही और हर्जाना के दरवाजे खुल गए। मप्र हाई कोर्ट के कोविड के सम्बंध में फैसले का प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता स्वागत करती है। सवाल उठता है कि क्या 1 घंटे में रेमडेसिविर सरकार उपलब्ध करा पाएगी। ऑक्सीजन का प्रबंधन हो जाएगा। कोविड सेंटर्स सेटअप हो जाएँगे। अस्पताल अपग्रेडहो जाएंगे। रिक्त पद भर जाएँगे। राज्य सरकार के के लिए बहुत बड़ी चुनौती। क्या सरकार अपना राजनीतिक सोच और प्रशासन का तरीका बदलेगी। क्या राजनैतिक दल अक्षम नेतृत्व को बदलेंगे।
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