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वाहन चलाते समय किस नियम को तोड़ने पर कितना जुर्माना चुकाना होगा, यहां जानें सबकुछ

अगर हम ट्रैफिक नियमों को जानकर उनका पालन करें तो हम कानूनी तौर पर भुगतने वाली सज़ा और जुर्माने ( traffic penalty ) से बच सकते हैं। आइये जानते हैं वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियम तोड़ने पर क्या सज़ा मिलती है

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वाहन चलाते समय किस नियम को तोड़ने पर कितना जुर्माना चुकाना होगा, यहां जानें सबकुछ

भोपालः वाहन को व्यवस्थित रूप से सड़क पर चलाने का एक खास नियम है। ये नियम राहगीरों की सुरक्षा और सड़क पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। इन्हें हम ट्रैफिक रूल्स ( traffic rules ) के नाम से जानते हैं। इन ट्रैफिक रूल्स का पालनकरना हर राहगीर की दायित्व है। ट्रैफिक पुलिस ( Traffic police ) द्वारा इन नियमों को प्रभावी बनाने के लिए समय समय पर मुहिम भी चलाई जाती है। बावजूद इसके रोज़ाना दिनभर में वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर गाड़ी चलाई जाती है। ऐसा कई बार अंजाने में भी होता है क्योंकि, अकसर लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में पूर्ण जानकारी ही नहीं होती। इसके परिणाम स्वरूप वाहन चालक अपने साथ साथ दूसरों की जान तो जोखिम में डालता ही है, साथ ही उसे इसका जुर्माना भी भुगतना पड़ता है। अगर हम इन नियमों को जानकर उनका पालन करें तो हम कानूनी तौर पर भुगतने वाली सज़ा और जुर्माने ( traffic penalty ) से बच सकते हैं। आइये जानते हैं वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियम तोड़ने पर क्या सज़ा मिलती है।

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जानिए ट्रैफिक सिग्नल में दिखने वाे तीन रंगों का मकसद

-सिग्नल की लाल लाइट

सिग्‍नल में लाल लाइट का एक खास महत्‍व होता है। लाल रंग की गति अन्‍य रंगों के मुकाबले सबसे तेज होती है। इस रंग को दूसरे रंगों की अपेक्षा ज्यादा लंबी दूरी से देखा जा सकता है। इसके अलावा सिग्‍नल में लाल रंग का प्रयोग रोकने के लिए किया जाता है, ताकि आपको बताया जा सके कि, सुनिश्चित स्थान से संभावित समय में गुज़रने में आपको खतरा है। लाल रंग रक्‍त और हिंसा का घोतक होता है जिसके कारण इसका प्रयोग यातायात को रोकने में लिए किया जाता है।


-सिग्नल की पीली लाइट

पीले रंग को ऊर्जा का केन्दर माना जाता है, ट्रैफिक नियम के अनुसार इस रंग के ज़रिये वाहन चालक को निर्देशित किया जाता है कि, आप अपनी उर्जा को समेट कर तैयार हो जाएं। ट्रैफिक सिग्‍नल पर पीले रंग की लाईट जलने का मतलब होता है कि, अब आप अपने वाहन का इंजन स्‍टार्ट कर लें, साथ ही एक्सिलेरेटर, ब्रेक, क्लच समेत वाहन के आसपास के एरिया पर नियंत्रण बना लें। इस रंग की ट्रैफिक लाइट जलने पर आप धीमे -धीमे अपने वाहन को आगे बढ़ा सकते हैं ताकि, सिग्नल ग्रीन होने पर आप तुरंत आगे बढ़ सकें।


-सिग्नल की हरी लाइट

यह रंग खतरे के बिलकुल विपरीत होता है। जैसा कि लाल रंग का प्रयोग वाहनों को रोकने के लिए किया जाता है उसी प्रकार हरे रंग का प्रयोग वाहनों को आगे बढ़ने के लिए किया जाता है। हरे रंग का मतलब है कि रास्ता आपके लिए सुरक्षित और खाली है और आप अपने वाहन पर नियंत्रण रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

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ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर कट सकता है इतना जुर्माना

-ट्रैफिक इंस्पेक्टर से दुर्व्यवहार- 1000

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ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्ती


बिल के मुताबिक, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के साथ-साथ ऑटो कंपनियों को भी जवाबदेह बनाने की कोशिश की जा रही है। गलत डिजाइन या दोषपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग और गड़बड़ी पाए जाने पर ऑटो कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी। गाड़ियों के डिजाइन में छेड़छाड़ करने उसकी शिनाख्त खत्म करने पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।

होगी निगटिव स्कोरिंग

सिग्नल पर रेड लाइट क्रॉस करने, सीट बेल्ट नहीं लगाने जैसे ट्रैफिक नियमों को तोड़न पर जुर्माने के साथ-साथ निगेटिव स्कोरिंग भी प्रस्तावित है। निगेटिव स्कोरिंग ज्यादा होने पर लाइसेंस कैंसिल किये जाने का भी प्रस्ताव है।

चौका देंगे ये आंकड़े

road accident ) में मौत का शिकार होते हैं। साथ ही, 12,70,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं।
[typography_font:14pt]– अगर आंकड़ों गौर करें तो भारत में हर छह मिनट में मरने वाले व्यक्ति की मौत का कारण सड़क दुर्घटना होता है। जानकारों की माने तो जैसे जैसे आबादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे सड़क दुर्घटना ( Road safety rules ) में मारे जाने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। अनुमान है कि, साल 2020 तक यह आंकड़ा दोगुना हो जाएगा, यानी हर 3 मिनट में मरने वाले व्यक्ति की मौत कारण सड़क दुर्घटना होगा।
[typography_font:14pt;" >– पूरे विश्‍व के मुक़ाबले अकेले भारत में 10% मौतें सड़क दुर्घटना के कारण होती हैं।

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वाहन चलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

– बेवजह हॉर्न बजाने से बचें, क्योंकि हार्न की आवाज़ से आसपास चलने वाला व्यक्ति नियंत्रण खो सकता है, जो सड़क दुर्घटना का कारण बन सकता है।