दरअसल, पहले 250/300 रुपए में 400 चैनल दिखाए जाते थे। इनमें 70 एचडी और 330 सामान्य चैनल होते थे। अब एचडी चैनल के लिए ही 750 रुपए देने होंगे। ट्राई ने 100 चैनल फ्री कर रखे हैं। इसके बाद कंपनियों ने अलग-अलग पैकेज बनाकर दिए हैं। कहा जा रहा है कि जितने ज्यादा चैनलों के पैकेज लेंगे, आर्थिक भार ग्राहकों पर आता जाएगा। ऐसे में ट्राई का उपभोक्ताओं के लिए लाभ का गणित कैसे पूरा होगा।
इन चैनलों के अलावा स्पोट्र्स के चैनल और बच्चों के लोकप्रिय कार्टून चैनल का चयन किया जाए तो 600 रुपए के आसपास आ जाएगा। जानकारों का कहना है कि उपरोक्त जितने चैनल है, सभी घरों में देखे जाते हैं। ऐसे में ट्राई का उपभोक्ताओं के लिए लाभ का गणित कैसे पूरा होगा। केबल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि बच्चों में सर्वाधिक लोकप्रिय कार्टून नेटवर्क होता है। वहीं बड़ों में धार्मिक चैनलों के अलावा कलर्स, स्टार, सोनी, जी चैनल पसंद किए जाते हैं।
नियमों के अनुसार उपभोक्ताओं को 100 फ्री चैनल के लिए 153 रुपए देने होंगे। ऐसे में जो चैनल नहीं देखना चाहे, उन्हें टैरिफ में शामिल ही नहीं करें। इसके लिए ट्राई ने पोर्टल बना दिया है। ग्राहक अपना विकल्प चुन सकता है। सभी पैक ट्राई के पोर्टल पर भी दिखेंगे। विकल्प में बाद में बदलाव करने की सुविधा भी रहेगी। नियमानुसार कोई भी केवल ऑपरेटर या डीटीएच प्लेयर अनचाहे चैनेल्स नहीं थोप सकेगा। फिर भी आपने लोकप्रिय चैनलों का चयन नहीं किया तो आपका टीवी ब्लैकआउट नहीं होगा।
ऐसे भी समझें
100 फ्री चैनल 153 रुपए
स्टार पैकेज 49 रुपए
कलर्स चैनल 22 रुपए
जीटीवी चैनल 39 रुपए
सोनी चैनल 31 रुपए
कार्टून चैनल 5 रुपए
डिस्कवरी 7 रुपए
कुल- 306 रुपए
इस पर टैक्स जोड़ें तो यह पैकेज 325 रुपए हो जाएगा।
लोगों को चैनल चुनने के लिए ज्यादा पैसे चुकाना पड़ रहे हंै, इसलिए वे नए सिस्टम से संतुष्ट नहीं हंै। ऑपरेटरों को ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है।
सुनील बाखरू, उपाध्यक्ष, भोपाल केबल ऑपरेटर एसो.