मरीजों के साथ व्यवहार भी सिखाया जाएगा
नए कोर्स के मुताबिक अब मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को योग -प्राणायाम सिखाया जाएगा। छात्रों को नैतिक स्तर पर भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल सोच विकसित करने नैतिक शिक्षा की पढ़ाई करनी होगी। मेडिकल और जनरल एथिक्स कोर्स में सिखाए जाएंगे। इसके अलावा डॉक्टर का मरीज और सामान्य परिवार जन के साथ व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसकी भी शिक्षा दी जाएगी।
मौजूदा कोर्स में एमबीबीएस छात्रों शरीर रचना के बारे में किताबी जानकारी दी जाती है। अब छात्रों को प्रायोगिक जानकारी भी दी जाएगी। मसलन फि जियॉलजी के प्रोफेसर छात्रों को फेफड़ों के बारे में पढ़ाया है तो नए कोर्स के माध्यम से उस समय मेडिसिन प्रोफेसर भी मौजूद रहेंगे जो छात्रों को एलएफटी जांच के बारे में भी बताऐंगे। फिलहाल यह पीजी के दौरान ही पढ़ाया जाता है।
अधिकारी के मुताबिक, एमबीबीएस के इस नए कोर्स की भी अवधि साढ़े चार साल ही रहेगी, लेकिन इसमें प्रायोगिक ज्ञान बढ़ाया जाएगा। नए पाठ्यक्रम में एमबीबीएस के छात्र पहले ही साल से ही अस्पतालों में मरीजों को देखने की प्रैक्टिस शुरू कर देंगे। प्रत्येक सेमेस्टर में ऐसे चैप्टर होंगे, जिन्हें हर छात्र को सीखना अनिवार्य होगा। हर सेमेस्टर के बाद छात्रों का एक टेस्ट होगा, जिनमें उनके सीखे गए कौशल की जांच होगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस कोर्स में स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम होने चाहिए। इससे एमबीबीएस छात्रों को कुछ समय के लिए बड़े कॉलेज या दूसरे राज्यों में भेजा जाए। इससे छात्रों को वहां की परिस्थितियों के अनुसार उपचार की जानकारी मिल सकेगी।
– डॉक्टर सभी सामान्य बीमारियों के इलाज में सक्षम होंगे।
– डॉक्टर का मरीजों के साथ संवाद बेहतर होगा।
– डॉक्टरों को पीजी कोर्स करने की जरूरत भी नहीं होगी। मरीजों को फ ायदे
– अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी।
– मरीजों को पर्याप्त देखभाल मिल सकेगी।
– मरीजों को एमबीबीएस डॉक्टर से ही पूरा इलाज मिल जाएगा।
कई सालों से कोर्स रिवाइज नहीं हुआ था। इतने सालों में कई बीमारियां खत्म हो गई लेकिन कोर्स में उन्हें ही पढ़ाया जा रहा है। पहले के एथिक्स और कम्युनिकेशन में भी बदलाव आया है ऐसे में नया कोर्स आज की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है। इससे एमबीबीएस डॉक्टर ज्यादा बेहतर होंगे और मरीजों के साथ उनका अच्छा व्यवहार भी बनेगा।
डॉ. आरसी शर्मा, कुलपति, मप्र चिकित्सा विवि
डॉ. राकेश मालवीय, एसो. प्रोफेसर, जीएमसी
डॉ. आदर्श वाजपेयी, पूर्व जूडा अध्यक्ष