
'पाक' और 'चीन' के पास भी नहीं है ऐसी मिसाइल, DRDO ने किया सफल परीक्षण
(भुवनेश्वर): बालासोर के चांदीपुर में डीआरडीओ ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का मंगलवार को सफल परीक्षण किया। सूत्रों के अनुसार जमीन से जमीन पर मार करने में सक्षम इस मिसाइल का मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से सुबह आठ बजकर तीस मिनट आटीआर परीक्षण रेंज में लांच काम्पलेक्स-3 से परीक्षण किया गया।
यह मिसाइल परीक्षण के समस्त मापदंडों पर खरा उतरा। ब्रह्मोस मिसाइल मध्यम दूरी तक मार करने वाली रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे पनडुब्बी, जहाज लड़ाकू विमान अथवा जमीन से लांच किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में चीन और पाकिस्तान के पास भी ऐसी मिसाइल नहीं है जिसे जमीन, आसमान और समुद्र तीनों जगह से दागा जा सके। सूत्रों ने बताया कि भारत और रूस इसे हाइपर सोनिक गति पर दागने पर काम कर रहे हैं। कम दूरी की रैमजेट इंजनयुक्त सुमरसोनिक क्रूज मिसाइल हर मौसम पर दागी जा सकती है। इसकी मारक क्षमता अचूक बताई गई है। रैमजेट इंजन से क्षमता तीन गुना बढ़ाई जा सकती है।
इस वजह से नाम रखा ब्रह्मोस...
रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
Published on:
17 Dec 2019 03:43 pm
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