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Bilaspur Train Accident: ट्रेन हादसे में अब तक 11 की मौत, घायलों की आंखों में दर्द और दिल में एक ही सवाल- अब घर कैसे चलेगा…?

Bilaspur Train Accident: बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। उधर कोलकाता से रेलवे सेफ्टी कमिश्नर(सीआरएस) ब्रजेश मिश्रा जांच के लिए बिलासपुर आ चुके हैं।

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Bilaspur Train Accident: ट्रेन हादसे में अब तक 11 की मौत, घायलों की आंखों में दर्द और दिल में एक ही सवाल- अब घर कैसे चलेगा…?(photo-patrika)

Bilaspur Train Accident: ट्रेन हादसे में अब तक 11 की मौत, घायलों की आंखों में दर्द और दिल में एक ही सवाल- अब घर कैसे चलेगा…?(photo-patrika)

Bilaspur Train Accident: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर मेमू ट्रेन हादसे में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। उधर कोलकाता से रेलवे सेफ्टी कमिश्नर(सीआरएस) ब्रजेश मिश्रा जांच के लिए बिलासपुर आ चुके हैं। वे बुधवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने गतौरा स्टेशन के बाद ट्रैक, क्षतिग्रस्त ट्रेन को देखा। गुरुवार को भी बिलासपुर एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर जाएंगे।

Bilaspur Train Accident: रेलवे सेफ्टी कमिश्नर पहुंचें बिलासपुर

इस दौरान स्टेशन मास्टर से लेकर अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों का बयान दर्ज करेंगे। वे तीन दिन तक बिलासपुर में रहकर कई पहलुओं की जांच करेंगे। दूसरी ओर हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत हुई है और 20 से अधिक यात्री घायल हैं। मृतकों में बिलासपुर के लोग ज्यादा है। मंगलवार शाम 4 बजे हुए इस हादसे के बाद 11 घंटे तक रेस्क्यू चला।

रात करीब 3 बजे गैस कटर की मदद से बोगी में फंसे 3 शवों को निकाला गया। इससे यातायात बहाल करने की शुरुआत हुई और दोपहर तक कोरबा रूट पर आवागमन बहाल कर दिया गया। प्रिया गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा थीं। हादसे के समय वह महिला कोच में ही सवार थीं।

सभी लाइनों पर ट्रेनों का परिचालन सामान्य

रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया। करीब 11 घंटे तक चला यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। रेलवे के तकनीकी और संरक्षा विभाग की टीमें हादसे के बाद से ही ट्रैक की मरम्मत में जुट गईं। जिस ट्रैक पर हादसा हुआ था, उसे पूरी तरह दुरुस्त करने का काम सुबह करीब 4 बजे तक चलता रहा। दोपहर बाद सभी लाइनों पर परिचालन सामान्य कर दिया गया।

ये घायल अस्पताल में भर्ती

मथुरा भास्कर (55 वर्ष) परसदा बिलासपुर

चौरा भास्कर (50) परसदा, बिलासपुर

शत्रुघ्न (50) परसदा, बिलासपुर

गीता देवनाथ (30) हेमू नगर, बिलासपुर

मेहनिश खान (19), नैला, जांजगीर

कविता यादव (30) रायपुर

अंजला साहू (49) कपन, बिलासपुर

श्याम देवी गौतम (64) कपन, बिलासपुर

प्रीतम कुमार (18) जयरामनगर, जांजगीर

शैलेष चंद्रा (35) सिरगिट्टी, बिलासपुर

डेढ़ साल का अज्ञात बच्चा

रश्मि और संतोष हंसराज (50)

(नोट: कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद रात में ही छुट्टी दे दी गई थी। )

विद्यासागर (55 वर्ष)मोटरमैन (चालक), मेमू लोकल

प्रमिला वस्त्रकार (55 वर्ष) निवासी पाराघाट, बिलासपुर

रंजीत भास्कर (32 वर्ष)निवासी कोसा, जांजगीर-चांपा

अर्जुन यादव (35 वर्ष)निवासी देवरीखुर्द, बिलासपुर

शीला यादव (30 वर्ष)निवासी देवरीखुर्द, बिलासपुर

मानमति यादव (65 वर्ष)निवासी देवरीखुर्द, बिलासपुर

प्रिया चंद्राकर (22 वर्ष)निवासी बहेराडीह, जैजैपुर (सक्ति)

अंकित अग्रवाल, बिलासपुर

लवकुश शुक्ला, सक्ती

गोती बाई (65) तखतपुर, बिलासपुर

गोदावरी बाई (60), रतनपुर,

बोगी में फंसे रह गए तीन

बोगी में फंसे तीन यात्रियों को निकालना मुश्किल हो गया था। रेलवे और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने बोगी को क्रेन से लाइन के साइड किया फिर सीटों व खिड़कियों को काटकर रास्ता बनाया गया। करीब 10 घंटे की मशक्कत के बाद रात 3 बजे तीनों शव बाहर निकाले गए। इनमें एक की पहचान सक्ती के ग्राम बहेराडीह की रहने वाली छात्रा प्रिया चंद्रा (22) के रूप में हुई है।

मंजिल तक पहुंचने से पहले ही जिंदगी उलट गई

वे रोजी-रोटी की तलाश में निकले थे, मगर मंजिल तक पहुंचने से पहले ही जिंदगी उलट गई। मंगलवार शाम लालखदान के पास कोरबा मेमू ट्रेन के मालगाड़ी से भिडऩे के बाद मलबे और चीखों के बीच कई परिवारों की उम्मीदें दम तोड़ गईं। हादसे में घायल हुए वे लोग अब सिम्स और रेलवे अस्पताल में पड़े हैं। शरीर पर पट्टियां, आंखों में दर्द और दिल में एक ही सवाल-’ अब घर कैसे चलेगा…?’ एक पीड़ित ने बताया हम घायल थे, सदमे में थे लेकिन कुछ लोगों ने मदद करने की बजाए लूटपाट शुरू कर दी। वे कीमती सामान और मोबाइल ले गए।

मोबाइल उठा लिया,पर बच्चे को नहीं…

खबर मिलते ही हम लगातार फोन करते रहे, लेकिन किसी ने नहीं उठाया। मौके पर पहुंचे तो रेलवे अस्पताल भेजा गया। वहां बताया गया कि अर्जुन, शीला और उनकी मां अब नहीं रहे। बच्चे को अपोलो रेफर किया गया। लोगों ने मोबाइल और कीमती सामान उठा लिए, लेकिन उस मासूम बच्चे को अस्पताल नहीं ले गए। वह रोता रहा, तड़पता रहा।

घायलों का हो रहा इलाज

ट्रेन हादसे में 11 यात्रियों की मौत हुई है। 20 घायल है, इनमें बच्चे भी शामिल हैं। रेलवे और सिम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ लोगों को कम चोटें आई थी, जिन्हें इलाज के बाद रवाना कर दिया गया है। सभी मृतकों के शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है। संजय अग्रवाल, कलेक्टर, बिलासपुर

दुर्घटना में सहायक मोटर वुमन (महिला चालक) रश्मि राज ने कूदकर अपनी जान बचाई है। फिलहाल वह घायल है। ऐसे में सवाल उठता है कि दोनों ही मोटर मैन-वुमन को दिख रहा था कि सामने मालगाड़ी है। एक ही ट्रैक में गाड़ी होने के बाद भी ब्रेक क्यों नहीं लगा, इस पर सवाल उठ रहे हैं।