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बिलासपुर संभाग में हार- जीत का अलग है मिजाज, भाजपा ने 10 सीटों पर तो कांग्रेस ने इतने पर गाड़ा झंडा

Chhattisgarh News: इस संभाग का चुनाव दोनों ही दलों के लिए थोड़ा हटकर दिख रहा है। यहां हार जीत की बजाय इस बात की चर्चा है कि यदि दोनों दलों ने ये भी कर लिया होता तो वो बेहतर स्थिति में होते। आंकड़ों की बात करें तो बिलासपुर संभाग की कुल 24 सीटों में से 13 सीट कांग्रेस के पास आई है तो 10 सीट भाजपा के पाले में गई है।

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Bilaspur News: इस संभाग का चुनाव दोनों ही दलों के लिए थोड़ा हटकर दिख रहा है। यहां हार जीत की बजाय इस बात की चर्चा है कि यदि दोनों दलों ने ये भी कर लिया होता तो वो बेहतर स्थिति में होते। आंकड़ों की बात करें तो बिलासपुर संभाग की कुल 24 सीटों में से 13 सीट कांग्रेस के पास आई है तो 10 सीट भाजपा के पाले में गई है। वहीं एक सीट कोरबा के पाली तानाखार का गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कब्जे में गई है। इस संभाग का परिणाम हटकर इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस चुनाव के परिणाम को देखें तो कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीट हासिल की है, जबकि भाजपा ने भी 2018 के चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटें हासिल की हैं, इसलिए स्थिति यह बन रही है कि एक तरफा न किसी को हारा हुआ कहा जा सकता है और न किसी को जीता हुआ बताया जा सकता है।

रायगढ़ जिला इसमें सारंगढ़ विधानसभा को मिला दें तो चार सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं एक रायगढ़ शहर की सीट भाजपा प्रचंड लीड के साथ भाजपा के खाते में गई है। जांजगीर की बात करें तो यहां भाजपा ने अपनी पुरानी सीट भी गवां दी है। कोरबा में भाजपा को एक सीट का फायदा हुआ है यहां भाजपा दो, कांग्रेस एक और गोंगपा एक सीट पर रही है। बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवारी और मुंगेली जिले में भाजपा ने जबरदस्त कमबैक किया है।

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दोनों दलों के प्रमुख फैक्टर

भाजपा

- मोदी की सभा और मोदी की गारंटी व महतारी वंदन योजना फार्म भरवाना, घोषणाओं को घर-घर तक पहुंचाना कारगर
- चुनाव में भाजपा हर विधानसभा में एक टीम के रूप में दिखी।
- चुनाव प्रचार और सभा के लिए बड़े और भरोसेमंद चेहरों की फौज थी।
- पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया

कांग्रेस

- बिलासपुर, कोरबा, मुंगेली, गौरेला पेंड्र मरवाही में कांग्रेस का ये कार्ड नहीं चला
- कांग्रेस की कई सीट एंटी इंकंबेंसी, गुटबाजी और भितरघात की भेंट चढ़ गई
- कांग्रेस के पास केंद्रीय स्तर पर बड़े चेहरों की कमी दिखी, संगठन में क्या हो रहा है इसको मॉनीटरिंग तक नहीं कर सके।
- अपने घोषणापत्र को लेकर कांग्रेसी अति उत्साहित रहे, ऐसे में बूथ लेवल वर्क प्रभावित हुआ

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