6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी! BCI को चुनाव नियमों में संशोधन प्रस्तुत करने के निर्देश, अगली सुनवाई दो दिन बाद..

CG News: बिलासपुर जिले में स्टेट बार काउंसिल के चुनाव नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया का शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई।

2 min read
Google source verification
2 कोर्ट कमिश्नरों का निरीक्षण स्थल बदलने का आवेदन स्वीकार(photo-patrika)

2 कोर्ट कमिश्नरों का निरीक्षण स्थल बदलने का आवेदन स्वीकार(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्टेट बार काउंसिल के चुनाव नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया का शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। बीसीआई को चुनाव के संशोधित नियमों की जानकारी देनी है ताकि उसी अनुसार चुनाव कार्यक्रम तैयार हो सके। कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 मार्च को रखी है।

सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा, जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान राज्य बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सचिव से मांगे गए शपथपत्र के बारे में जानकारी ली। इस पर बीसीआई के सचिव द्वारा शपथपत्र डिस्पैच किए जाने की जानकारी दी गई, जिसकी प्राप्ति नहीं हुई है।

यह भी पढ़ें: Bilaspur High Court: आंगनबाड़ी में बच्चों के पौष्टिक आहार के लिए बजट बढाने की हो रही मांग…

CG News: बार काउंसिल ऑफ इंडिया का शपथपत्र में नहीं मिला जवाब

उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी 2025 को सुनवाई में डिवीजन बेंच ने आदेश दिया था कि नियमों-अधिसूचनाओं या बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नियमों में लाए गए किसी भी संशोधन को ठीक से पढ़ें और अगली सुनवाई में चुनाव कार्यक्रम तय करने के संबंध में शपथपत्र पर जवाब दें ताकि बीसीआई के अपडेट नियमों के अनुसार चुनाव कार्यक्रम तैयार किया जा सके, और कोई अनावश्यक स्थगन न मांगा जाए। बीसीआई नियमों में लाए गए संशोधन का चुनाव कार्यक्रम तैयार करते समय ध्यान नहीं रखा गया है।

इसलिए राज्य बार काउंसिल के सचिव से भी 30 जनवरी 2015 की अधिसूचना को ध्यान में रखते हुए एक नया शपथपत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल का बीते 4 साल से चुनाव नहीं हो पाया है। निर्वाचित पदाधिकारियों के नहीं होने से अधिवक्ताओं के वेलफेयर से लेकर कई जरूरी काम अटके हुए हैं। हाईकोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।


बड़ी खबरें

View All

बिलासपुर

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग