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बिलासपुर

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला! तेंदुओं के संरक्षण पर बोले- वन्यप्राणी को सुरक्षित करना हमारा धर्म…विभाग ने दिया यह जवाब

Bilaspur News: तेंदुओं के संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई में गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने कहा कि अपने यहां जो वन्यप्राणी है उनको तो सुरक्षित करें, उनकी रक्षा करना हमारा धर्म है।

बिलासपुरMar 15, 2024 / 01:38 pm

Khyati Parihar

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Chhattisgarh News: तेंदुओं के संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई में गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने कहा कि अपने यहां जो वन्यप्राणी है उनको तो सुरक्षित करें, उनकी रक्षा करना हमारा धर्म है। कोर्ट के समक्ष विभाग ने स्वीकार किया कि जब भी तेंदुए की कोई समस्या आती है तो विभाग बिना चिन्हित किए कि कौन सा तेंदुआ प्रॉब्लम एनिमल है, तेंदुआ पकड़ लेता है और बहुत दूर छोड़ देता है, उसे रेडियो कॉलर भी नहीं लगता।
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याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार सबसे पहले कौन सा तेंदुआ समस्या है, उसे चिन्हित करना जरूरी है। उसे पकड़ कर रेडियो कॉलर लगाना है और उसे उसी के रहवास वाले वन में छोड़ना है ना की बहुत दूर। इसका कारण बताया गया कि तेंदुए का अपने रहवास जंगल क्षेत्र के प्रति बहुत झुकाव होता है। अगर उन्हें दूर छोड़ा जाता है तो वह वापस अपने जंगल (घर) लौटेगा। घर से दूर छोड़े जाने पर तेंदुए को मानसिक आघात लगता है। वह वापस अपने जंगल लौटने लगता है तो जंगल के बीच पड़ने वाले गांवों में मानव-तेंदुआ द्वन्द बढ़ने की आशंका रहती है।
विभाग ने कोर्ट को बताया कि भविष्य में विभाग प्रॉब्लम तेंदुए को चिन्हित करने के बाद ही पकड़ेगा और रेडियो कॉलर लगाने उपरांत छोड़ेगा और भारत सरकार की गाइडलाइंस का भी पालन करेगा। इस पर कोर्ट ने विभाग को अतिरिक्त शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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