7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

65 साल पहले स्वयंभू प्रकट हुई शीतला माता की प्रतिमा, सपनों में दर्शन देकर माता ने जताई थी उपस्थिति, जानें इसकी ख्याति

Navratri special: शीतला माई मंदिर का इतिहास बेहद खास है। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था और विरासत दोनों का संगम है। यहां माता का स्वयंभू प्रकट होना चमत्कारिक घटना रही है।

less than 1 minute read
Google source verification
शीतला माई मंदिर (फोटो सोर्स- पत्रिका)

शीतला माई मंदिर (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Navratri special: बिलासपुर के बाड़ा नगोई स्थित शीतला माई मंदिर का इतिहास बेहद खास है। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि आस्था और विरासत दोनों का संगम है। यहां माता का स्वयंभू प्रकट होना चमत्कारिक घटना रही है।

प्रतिमा पहले छोटी थी बाद में हुई और स्पष्ट

माता की प्रतिमा पत्थर के रूप में प्रकट हुई, लेकिन यह पत्थर साधारण नहीं था। उसमें प्राकृतिक रूप से आंख, कान और यहां तक कि बालों की आकृति उभरी हुई थी। यह प्रतिमा पहले छोटे स्वरूप में थी, लेकिन समय के साथ स्पष्ट और प्रभावशाली होती चली गई।

Navratri special: धान की कोठी की सफाई में मिली प्रतिमा

करीब 65 साल पहले यह स्थान धान की कोठी और ढाबा कहलाता था। ढाबों की सफाई के दौरान एक विशेष पत्थर सामने आया। रागिनी के ससुर को सपने में माता शीतला ने दर्शन देकर बताया कि वह यहीं विराजमान हैं। इसके बाद विधिवत पूजन-अर्चन कर प्रतिमा की स्थापना की गई।

3 पीढ़ियों से परिवार कर रहा मां की सेवा

इस मंदिर की सेवा में देवांगन परिवार तीन पीढ़ियों से लगा हुआ है। तीसरी पीढ़ी में परिवार की बहू रागिनी देवांगन ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण का श्रेय दादा ससुर देवचंद देवांगन को जाता है। उनके बाद ससुर ने सेवा संभाली।

नवरात्र में आयोजन

हर साल नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं। मंदिर में घृत और तेल की अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है। पहले यह आयोजन छोटे स्तर पर होता था, लेकिन अब भक्तों का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। नवरात्र के नौ दिनों में बड़ी संया में श्रद्धालु माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।