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कैसे बना हर साल 15 अगस्त के दिन बजने वाला Iconic Song, ‘संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं…’

Independence Day Special: बॉर्डर, 1997 में आई सनी देओल अभिनित वो फिल्म जो हर भारतीय को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर देती है। खासतौर पर 15 अगस्त के दिन जब ये फिल्म टीवी पर आती है तब इसको देखना एक अलग ही अनुभव देता है। और फिल्म का गाना, "संदेसे आते हैं…", तो हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। ये गाना कैसे बना, इसकी कहानी क्या थी, ये सभी बातें आज हम आपको बताएंगे।

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मुंबई

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Rashi Sharma

Aug 14, 2025

Border Movie

बॉर्डर फिल्म का पोस्टर और गाने का एक सीन। (फोटो सोर्स: jp.films.official)

Independence Day Special: बॉर्डर, 1997 में आई सनी देओल अभिनित वो फिल्म जो हर भारतीय को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर देती है। खासतौर पर 15 अगस्त के दिन जब ये फिल्म टीवी पर आती है तब इसको देखना एक अलग ही अनुभव देता है। जेपी दत्ता की ये फिल्म देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को एक श्रद्धांजलि है। इस फिल्म में सनी साथ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, पुनीत इत्सर, कुलभूषण खरबंदा, तब्बू, राखी, पूजा भट्ट, जैकी श्रॉफ जैसे कलाकारों ने अहम किरदार निभाए थे।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी बॉर्डर

आपको बता दें कि जेपी दत्ता की 'बॉर्डर', 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे विपरीत परिस्थिति में जांबाज सिपाहियों ने लोंगेवाला लड़ाई के दौरान अपने देश की सीमा पर दुश्मन का सामना किया और उनको खदेड़ दिया था। फिल्म की कहानीकार, निर्देशक, और प्रोड्यूसर तीनों ही जेपी दत्ता हैं। फिल्म का संगीत अनु मलिक और आदेश श्रीवास्तव का है।

अगर फिल्म के गानों की बात करें तो जावेद अख्तर साहब ने अपनी कलम से गानों में मानो जान फूंक दी है। फिल्म का एक एक गान रूह में उतर जाता है। चाहे वो सुनील शेट्टी पर फिल्माया गया 'तो चलूं...' हो या फिर 'संदेसे आते हैं…', हो। इन गानों में जो दर्द है वो बयां कर पाना मुश्किल है क्योंकि ये गाने एक सिपाही के उस दर्द को बयां करते हैं जो वो देश की रक्षा करते हुए अपने परिवार से दूर रहकर मह्सूस करता है, लेकिन अपने फर्ज पर उस दर्द को हावी नहीं होने देता है।

कैसे बना ये आइकॉनिक गाना

आज हम फिल्म एक ऐसा गाने की बात करने जा रहे हैं, जिसने हर देशवासी को रुलाया भी होगा और हर देशभक्त का सीना गर्व से चौड़ा भी किया होगा। वो गाना है,

"संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है…"

आपको बता दें कि इस गाने के बोल लिखे हैं जावेद अख्तर ने और इसे गया है सोनू निगम और रूप कुमार राठौड़ ने। वहीं अनु मलिक ने इस गाने का म्यूजिक दिया है। आज हम 15 अगस्त के इस मौके पर आपको इस गाने के बनने की रोचक कहानी बताने जा रहे हैं।

क्या है इस गाने के बनने की कहानी

दरअसल, अनु मलिक जब इंडस्ट्री में अपनी किस्मत बनाने की कोशिश कर रहे थे, ये बात उन्हीं दिनों की है। अनु मलिक ने एक इंटरव्यू ने ये बात बताई थी कि बॉर्डर की शूटिंग से भी पहले एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में उन्होंने एक धुन जावेद अख्तर को सुनाई थी, और जब फिल्म के गाने और फिल्म की शूटिंग स्टार्ट हुई तो जावेद अख्तर ने उनसे जेपी दत्ता को वो धुन सुनाने को कहा। जेपी दत्ता को भी वो धुन पसदं आ गई थी। लेकिन जावेद जी को लगा कि अभी गाना पूरा नहीं हुआ है इसलिए उन्होंने गाने के 3 अंतरे लिखने के बाद भी एक और पैरा लिखा।

जावेद अख्तर ने क्यों बढ़ाया एक और पैरा

वो पैरा था, ऐ गुजरने वाली हवा बता, मेरा इतना काम करेगी क्या…"। मगर इसको लयबद्ध करना आसान नहीं था। जेपी दत्ता और जावेद अख्तर जब तक इस बारे में सोच ही रहे थे कि इस पैरा को 2 दिन में कम्पोज कैसे किया जाएगा, तब तक तो अनु मलिक ने इसकी धुन बना भी दी थी। वो भी केवल 7-8 मिनट में। जावेद साहब को ये धुन इतनी पसंद आई कि उन्होंने अनु मलिक से उनके ऑटोग्राफ भी लिए थे। तो ऐसे बनकर तैयार हुआ था बॉर्डर फिल्म का सबसे बड़ा हिट गाना।

1997 में इस गाने के लिए जावेद अख्तर को फिल्म फेयर और 1998 में स्क्रीन अवॉर्ड मिला था। वहीं उनको इसके लिए 45वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में भी सम्मानित किया गया था।