
MP By-Election: कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में एक और चुनाव 10 जुलाई को देखने को मिलेगा। कांग्रेस का एकमात्र लक्ष्य है कि भाजपा को रोकना है। क्योंकि कांग्रेस विधायक रहते हुए कमलेश शाह भाजपा में चले गए थे और अब भाजपा के टिकट पर कांग्रेस से मुकाबला करेंगे। इस दौरान कमलनाथ (kamal nath) को एक बार फिर अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा, क्योंकि छिंदवाड़ा कमलनाथ का किला है और उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है।
अमरवाड़ा विधानसभा (amarwara assembly constituency) में उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें भाजपा ने अपना प्रत्याशी कमलेश शाह को बनाया है। वहीं कांग्रेस आज-कल में प्रत्याशी घोषित करने वाली है। वहीं गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी ने भी इस चुनाव में उतरने का फैसला कर लिया है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने देवरावेन भलावी को प्रत्याशी बनाया है। भलावी ने इसी साल लोकसभा चुनाव भी लड़ा था और उन्हें कुल 50 हजार वोट भी मिले थे। इसके बाद आदिवासी बहुल क्षेत्र की इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
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छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट (amarwara by polls) पर मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है। कांग्रेस, भाजपा के अलावा यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) भी मैदान में है। ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस और गोंगपा आपस में गठबंधन करके चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं के प्रयास बेअसर रहे और गोंगपा ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया।
पूर्व सीएम कमलनाथ क्या इस बार अमरवाड़ा सीट बचा पाएंगे, इसे लेकर भी विश्लेषण का दौर तेज हो गया है। छिंदवाड़ा कमलनाथ का किला माना जाता है, जिसे कोई भेद नहीं सकता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ (nakul nath) की हार ने सारे भ्रम तोड़ दिए। अपना किला बचाने के लिए कमलनाथ अब अमर
वाड़ा उपचुनाव में सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ दोनों ही अब प्रत्याशी की तलाश में जुट गए हैं। अपने पूर्व साथी कमलेश शाह के भाजपा में चले जाने से आहत कांग्रेस अब कमलेश शाह (kamalesh shah) को जवाब देना चाहती है।
इधर, अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने कमलेश शाह को प्रत्याशी घोषित किया था। इसके बाद मध्यप्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके को चुनाव का प्रभारी बनाया है।संपतिया आदिवासी वोटरों को साधने के के लिए क्षेत्र में समन्वय का काम करेंगी। हालांकि कमलेश शाह को प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी में असंतोष भी है, लेकिन कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है। असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए संपतिया उइके को जिम्मा सौंपा गया है।
Updated on:
19 Jun 2024 11:53 am
Published on:
17 Jun 2024 07:55 pm
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