
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा हटाने पर हंगामा; पूर्व सीएम ने कहा- 'कमलनाथ क्षमा मांगकर मूर्ति स्थापित करें'
छिंदवाड़ा/ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में मोहगांव तिराहे पर लगी छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा हटाए जाने के हंगामा जिले से राजधानी तक आ पहुंचा है। एक तरफ जहां हिन्दूवादी संगठनों ने प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में हाइवे पर चक्काजाम कर रखा है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, प्रदेश के सीएम क्षमा मांगकर प्रतिमा को फिर से स्थापित करने की व्यवस्था करें। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने बताया कि, छत्रपति की प्रतिमा को लेकर मुद्दाविहीन भाजपा लोगों में झूठ परोस रही है। उन्होंने कहा कि, प्रतिमा को अवैध रूप से स्थापित किया गया था, जिसे अब वैध्य तौर पर पुनहस्थापित किया जाएगा।
शिवराज का सरकार पर हमला
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा हटाए जाने का मामला अब पूरी तरह राजनीतिक हो चुका है। इसे लेकर बुधवार शिवराज सिंह ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री कमलनाथजी क्षमा याचना करें और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को ससम्मान स्थापित करने की तत्काल व्यवस्था करें। शिवराज ने आगे कहा कि, ये सरकार महापुरुषों का अपमान करने में गर्व का अनुभव करती है। शिवराज सिंह ने कहा कि, महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर्श मानती है। उनका ऐसा अपमान क्या वे सह पाएंगे? उन्होंने कहा कि, अगर आपत्ति थी तो उनकी प्रतिमा को सम्मानजनक तरीके से भी हटाना था, लेकिन उनका अपमान किसी भी कीमत पर सहन करने योग्य नहीं है।
कांग्रेस का पलटवार
इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने बताया कि, छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को लेकर मुद्दाविहीन भाजपा के तमाम नेता झूठ परोसने में जुटी हुई है। वो प्रदेश की जनता को गुमराह करके माहौल खराब करने में लगी है। सलूजा ने बताया कि सौंसर में कुछ लोगों ने मध्यरात्रि को बाजार में एक स्थान पर छत्रपति महाराजा शिवाजी की प्रतिमा बगैर अनुमति के स्थापित कर दी, जिसको लेकर विरोधाभास व अनुमति का मामला सामने आने पर सर्वसम्मति से, जिन लोगों ने यह प्रतिमा लगाई थी। अब दोबारा विधिवत उसकी अनुमति लेकर ठीक ढंग से प्रतिमा का निर्माण कर दोबारा स्थापित की जाएगी।
ये रहा घटनाक्रम
बता दें कि, सोमवार रात नगरपालिका ने हिंदू संगठन द्वारा स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को हटा दिया था। उनका तर्क था कि, प्रतिमा बिना किसी परमीशन लिए अवैध रूप से तेराहे पर स्थापित की गई है। विरोध स्वरूप अगली सुबह से ही शिवसेना और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने इलाके में आंदोलन शुरू कर दिया, जो शाम होते होते इलाके के चक्काजाम के रूप में बदल गया। हालात अनियंत्रित होते देख नपा अफसरों ने विरोध में उतरे लोगों को समझाइश देते हुए 19 फरवरी को शिवाजी महाराज की जयंती पर प्रतिमा को दोबारा से स्थापित करने का आश्वासन दिया।
विरोध में लोगों ने हाइवे को 3 घंटे जाम किया
मंगलवार को ही बड़ी संख्या में शिवसेना और अन्य हिन्दूवादी संगठनों के लोग मोहगांव तिराहे पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। सुबह 8 से 11 बजे तक बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इस दौरान करीब तीन घंटे से अधिक समय नेशनल हाइवे को जाम किया गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लोगों को समझाते रहे। इस दौरान सौंसर की दुकानें और शहर बंद रहा। प्रशासन द्वारा फिर से प्रतिमा स्थापित करने की स्वीकृति मिलने पर युवाओं ने रैली निकाली।
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प्रतिमा बिना अनुमति लगाई इसलिए हटाई : प्रशासन
बता दें कि, जनवरी में कुछ संगठनों द्वारा मोहगांव तिराहे पर छत्रपति की प्रतिमा लगाने को लेकर नगर पालिका में ज्ञापन दिया था। इसके बाद नगर पालिका द्वारा तिराहे पर प्रतिमा के लिए जगह सुनिश्चित भी कर ली गई थी। लेकिन,इसी बीच इन हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन से बिना अनुमति लिये चबूतरा बनाकर रविवार-सोमवार की दरमियानी रात में खुद ही प्रतिमा को स्थापित कर दिया। हालांकि, प्रशासन को इसकी जानकारी लगते ही वो सक्रीय हो गया और अगले 24 घंटों के भीतर प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी दस्ते की मदद से बिना अनुमति स्थापित की गई शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटा दिया।
Published on:
12 Feb 2020 06:49 pm
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