
Kamal nath: कभी गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले कमलनाथ भी छिंदवाड़ा का अपना किला लोकसभा चुनाव 2024 में बचा नहीं पाए हैं। अभेद माने जाने वाले कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में इस बार कमल खिला है और इसका असर साफ नजर आता दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ अब अलग-थलग पड़े नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसे घटनाक्रम भी हुए हैं जिससे ये कहा जा रहा है कि इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे कहे जाने वाले कमलनाथ के प्रति गांधी परिवार का भरोसा कम हुआ है।
कभी गठबंधन की सरकार में अहम भूमिका निभाकर मध्यस्थता करने वाले कमलनाथ इंडी गठबंधन में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस में भी कमलनाथ अलग थलग पड़े नजर आ रहे हैं। इसकी एक वजह छिंदवाड़ा सीट पर नकुलनाथ की हार तो है ही साथ ही साथ कुछ ऐसे घटनाक्रम भी हैं जो बीते दिनों लोकसभा चुनाव से पहले हुए। कमलनाथ और नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि जब ये अटकलें चली थीं तभी से कमलनाथ पर गांधी परिवार का भरोसा कम हो गया था।
लोकसभा चुनाव से थोड़ा और पीछे चलें तो विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की करारी हार भी कमलनाथ का कद पार्टी में गिरने की वजह माना जा सकता है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह से कांग्रेस में गुटबाजी निकलकर सामने आई उसने कमलनाथ को प्रदेश की सियासत में भी अलग थलग कर दिया। अब लोकसभा चुनाव में भी छिंदवाड़ा की छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ को विदाई दे दी है। जिसे लेकर कमलनाथ ने भावुक होकर ये भी कह दिया है कि छिंदवाड़ा की जनता ने विदाई दी है और यह विदाई मैं स्वीकार करता हूं।
Updated on:
06 Jun 2024 07:24 pm
Published on:
06 Jun 2024 07:23 pm
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