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एशिया कप को लेकर एसीसी की बैठक में बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हो सकता है टकराव

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और उसके समकक्ष पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच 4 फरवरी को एशियाई क्रिकेट परिषद की आपात बोर्ड बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक होने की संभावना है। पीसीबी का आरोप है कि उनसे सलाह किए बिना एसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने एकतरफा कैलेंडर जारी कर किया था।

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एशिया कप को लेकर एसीसी की बैठक में बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हो सकता है टकराव।

एशिया कप 2023 को लेकर एक बार फिर बीसीसीआई और पीसीबी आमने-सामने आ गए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और उसके समकक्ष पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच 4 फरवरी को एशियाई क्रिकेट परिषद की आपात बोर्ड बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्षों के लिए विवाद का कारण बीसीसीआई सचिव जय शाह की 2023 के लिए एसीसी के कैलेंडर पर घोषणा है। पीसीबी का आरोप है कि उनसे सलाह किए बिना एसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने एकतरफा कैलेंडर जारी कर दिया गया था।

ईएसपीएन क्रिकइन्फो ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पीसीबी ने एक आपातकालीन एसीसी बोर्ड बैठक की मांग की है, जिसे पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी ने अगले महीने आयोजित करने की घोषणा की है। सेठी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ समय से एसीसी बोर्ड की कोई बैठक नहीं हुई है और बहुत सारे फैसले किए जा रहे हैं और उनमें से एक को हमने चुनौती दी है। अब अच्छी खबर यह है कि हम उन्हें बोर्ड की बैठक के लिए राजी करने में कामयाब रहे और मैं इसमें शामिल होऊंगा।

एशिया कप 2023 विवाद की वजह

बता दें कि दोनों बोर्ड के बीच विवाद का कारण एशिया कप 2023 है, जो सितंबर में पाकिस्तान में आयोजित किया जाना है। शाह ने घोषणा की कि टूनार्मेंट को दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि भारत पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर सकता। पूर्व पीसीबी प्रमुख रमीज राजा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि पाकिस्तान इस साल के अंत में एकदिवसीय विश्व कप के लिए भारत की यात्रा नहीं करेगा।

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पीसीबी प्रमुख बनते ही सेठी ने उठाया था मुद्दा

सेठी के पिछले महीने पीसीबी की कमान संभालते ही इस मुद्दे को उठाया था और इस मामले पर चर्चा के लिए एसीसी बोर्ड की बैठक की मांग की थी। सेठी ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि हम क्या कर सकते हैं, लेकिन हम एक और केस नहीं लड़ सकते।

हालांकि मैं कह सकता हूं कि उस केस को ठीक से हैंडल नहीं किया गया था और मुझे लगता है कि हमने अच्छी लड़ाई नहीं लड़ी। लेकिन आखिरकार, जजों ने भी कहा कि अगर आप माइक्रोस्कोप से देखेंगे तो यह मामला पाकिस्तान के पक्ष में है, लेकिन अगर आप इस मामले को दूरबीन से देखेंगे तो यह भारत के पक्ष में जा रहा है।

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