क्यों किया जा रहा है ऐसा दावा-
चेन्नई और हैदराबाद के फाइनल में पहुंचने का दावा कई कारणों से किया जा रहा है। इन दोनों टीमों ने इस सीजन में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए इस दावे को और मजबूती मिलती है। बता दें कि इन दोनों टीमों ने लीग राउंड के 14 मैचों में से 9-9 मुकाबलों में जीत हासिल की है। इस दावे के पक्ष में दिए जा रहे पांच बड़े तर्क ये है-
सीजन की सबसे संतुलित टीम–
ये दोनों टीम आईपीएल सीजन -11 की सबसे संतुलित टीम है। दोनों टीमों में अच्छे बल्लेबाज और घातक गेंदबाज के साथ-साथ फुर्तीले फिल्डर भी है। सबसे अहम बात यह है कि दोनों ही टीमें किसी एक बल्लेबाज या गेंदबाज पर निर्भर नहीं है। हैदराबाद के लिए केन विलियमसन और शिखर धवन तो चेन्नई के लिए अंबाती रायडू और सुरेश रैना लगातार अच्छा परफार्म कर रहे है।
दोनों तरफ है कूल कप्तान-
किसी भी टीम की सफलता या विफलता में उसके कप्तान की भूमिका सबसे बड़ी होती है। कप्तान न केवल टीम की रणनीती तय करता है, बल्कि आगे बढ़ कर टीम पर आने वाली हर एक संकट का निपटारा भी करता है। आईपीएल के इस सीजन में हैदराबाद औऱ चेन्नई के पास वो कप्तान है, जिन्होंने अपनी भूमिका का निर्वाह काफी अच्चे से किया है।
युवा खिलाड़ियों ने दिखाया दम
दोनों टीमों के अनकैप्ड खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। हैदराबाद के लिए जहां सिद्धार्थ कॉल और दीपक हूडा ने शानदार प्रदर्शन किया वहीं चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए दीपक चाहर ने जोरदार गेंदबाजी की है। आईपीएल में हमेशा वही टीम जीतती है जिसके युवा अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
प्लेऑफ में हैदराबाद और चेन्नई के अलावा क्वालीफाई करने वाली टीम राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स हैं। राजस्थान रॉयल्स अपने दोनों लीग मैच हैदराबाद से हार गया था वहीं चेन्नई से उन्होंने एक मैच जीता था और एक मैच हारा था। वहीं बात करें अगर कोलकाता की तो कोलकाता ने चेन्नई और हैदराबाद दोनों को एक-एक मैच हराया है।