इसी ऐतिहासिक दिन को लेकर महेंद्र सिंह धोनी ने बड़ा खुलासा किया है। सात साल बाद माही ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि विजयी शॉट लगाने के बाद उनकी आंखों में आंसू आ गए थे और वे खुशी के आंसू थे। हालांकि कोई भी कैमरा माही की आंखों में मौजूद आंसुओं को कैद नहीं कर पाया, लेकिन पूर्व कप्तान उस वक्त इतने भावुक थे कि वो रो पड़े थे। जाने मानेपत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘डेमोक्रेसी इलेवन’ में इन दिनों भारतीय टीम के ऐसे ही कई रहस्यों से पर्दा उठ रहा है।
राजदीप सरदेसाई की पुस्तक में खुलासा किया गया है, कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उस समय रोये थे, जब वह भारतीय टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह के गले लगे थे। धोनी के साथ दूसरे छोर अपर मौजूद युवराज सिंह भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके थे और उनकी आँखों में भी ख़ुशी के आंसू छलक पड़े थे। हालाँकि धोनी की रोते हुए तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हो पाई थी।
धोनी के हवाले से राजदीप सरदेसाई की पुस्तक में एक बयान छपा है जिसमें लिखा है, “हाँ, मैं फाइनल मैच के बाद रोया था, लेकिन कैमरा उसे पकड़ नहीं पाया था। मैं जीत के बाद काफी उत्साहित था और जब मुझे हरभजन ने गले लगाया, तो मैं उस समय अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाया और मेरी आँखों से आंसू आ गये थे। महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 विश्वकप फाइनल में 79 गेंदों पर 91 रन की मैच विनिंग पारी खेली थी।
इस फाइनल मैच में 276 रनों का पीछा करने मैदान पर उतरी टीम इंडिया ने जब धोनी के विजयी छक्के की मदद से मैच जीता तब पूरा देश खुशी से झूम उठा था, लेकिन पूर्व कप्तान की आंखों में आंसू थे, खुशी के आंसू थे।