कौन से हैं वो सात नियम
– बुरे बर्ताव पर खिलाड़ी की खैर नहीं
विश्व कप में इस बार ICC ने टीमों को ग्रुप में नहीं बांटा है। सभी टीमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी। खिताब की इस जंग में कई मौके ऐसे आ सकते हैं, जब खिलाड़ी अपना आप खो दें, लेकिन आईसीसी ने इसकी तैयार कर रखी है। मैच के दौरान अगर अंपायर को लगा कि खिलाड़ी बेहद खराब व्यवहार कर रहा है, तो वह उस खिलाड़ी को आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट की लेवल 4 की धारा 1.3 के तहत दोषी मानते हुए फौरन मैच से बाहर भेज सकता है। अभी तक ऐसी घटनाओं में मैच के बाद कार्रवाई की जाती थी और वो भी मैच रेफरी उस पर कार्रवाई करता था।
– DRS के तहत अंपायर कॉल पर बरकरार रहेगा रिव्यू
डीआरएस का नियम पिछले वर्ल्ड कप में भी था, लेकिन इस बार विश्व कप में इस नियम में कुछ नया देखने को मिलेगा। अगर बल्लेबाज या फील्डिंग टीम डीआरएस लेती है और अंपायर्स कॉल के कारण अंपायर का फैसला बरकरार रहता है, तो टीम का रिव्यू खराब नहीं होगा। पहले अंपायर्स कॉल होने पर भी टीम रिव्यू खो देती थी।
– नो बॉल पर बाई और लेग बाई के रन जुड़ेंगे
किसी गेंदबाज के द्वारा फेंकी गई गेंद अगर नो बॉल होती है और उसे बाई या लेग बाई करार दिया जाता है तो टीम को दोनों के रन मिलेंगे। नोबॉल और बाई या लेग बाई का रन टीम के स्कोर में जोड़ा जाएगा।
– ऑन द लाइन होने पर होगा रनआउट
कई बार देखा जाता है कि मैच के दौरान थर्ड अंपायर के लिए भी फैसला कर पाना काफी मुश्किल होता है। वो भी उस स्थिति में जब रनआउट या स्टंपिंग का मामला हो और बल्लेबाज का बैट लाइन पर हो। अभी तक ऐसा होता था बल्लेबाज को नॉटआउट करार दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ऑन द लाइन होने पर बल्लेबाज आउट होगा।
– दो टप्पे की गेंद को नोबॉल करार दिया जाएगा
मैच के दौरान अगर कोई गेंदबाज दो टप्पे की गेंद करता है तो नोबॉल करार दिया जाएगा और नोबॉल पर फ्री हिट भी मिलेगी। अभी तक ऐसी गेंदों को डेड बॉल करार दिया जाता था।
– इसके अलावा अगर बल्लेबाज का हवाई शॉट फील्डर के हेलमेट से लगकर उछला और किसी फील्डर ने कैच ले लिया तो बल्लेबाज को आउट करार दिया जाएगा। पर हैंडल द बॉल की कंडीशन में बल्लेबाज को नॉटआउट दिया जाएगा।
– बल्ले की चौड़ाई को लेकर भी नियम
विश्व कप में बल्ले की चौड़ाई और मोटाई को लेकर भी नियम होगा। गेंद-बल्ले में बराबरी का मुकाबला रखने के लिए बल्ले का आकार निश्चित किया गया है। बैट की चौड़ाई 108 मिमी, मोटाई 67 मिमी और कोनों पर 40 मिमी से ज्यादा नहीं हो पाएगी। अंपायर के पास बैट गेज होगा। संदेह होने पर इसकी मदद से बल्ले की चौड़ाई मापी जा सकेगी।