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केरल दुष्कर्म मामला: चार आरोपी पादरियोें में से एक गिरफ्तार, बोला- खुद किया सरेंडर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 12, 2018 04:07:07 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

गिरफ्तार पादरी ने गिरफ्तारी से इनकार किया साथ ही कहा कि उसने सरेंडर किया है।

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केरल दुष्कर्म मामला: चार आरोपी पादरियोें में से एक गिरफ्तार, पादरी बोला- खुद किया सरेंडर

कोल्लम। केरल में दुष्कर्म के चार आरोपी पादरियों में से एक पादरी की गिरफ्तारी हुई है। फादर जॉब मैथ्यू को पुलिस ने यहां पास की एक जगह से गिरफ्तार किया है। बता दें कि इन पादरियों पर इलाके की एक महिला से दुष्कर्म का आरोप है। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। हालांकि, आरोपी पादरी ने गिरफ्तार किए जाने की बात से इनकार करते हुए कहा है कि उसने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस का कहना कि मैथ्यू को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अदालत जा रहा था। उसे कोल्लम के पुलिस प्रमुख के दफ्तर ले जाया गया और पूछताछ की गई। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बाकी के दो आरोपी फादर सोनी वर्गीज और फादर जैस के. जॉर्ज अभी फरार हैं।
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HC का पादरियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार

केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च के तीन पादरियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि फादर सोनी वर्गीस, फादर जॉब मैथ्यू व फादर जैस के. जॉर्ज के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। साक्ष्य हैं और अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया। पादरियों के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल समर्पण करने को तैयार हैं। बुधवार को शिकायत में नामित तीन पादरियों की अग्रिम जमानत को खारिज किए जाने के बाद मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च के पादरियों की गिरफ्तारी निश्चित हो गई।
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एक दशक से कर रहे थे यौन शोषण

महिला नियमित तौर पर मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च जाती थी। उसने आरोप लगाया है कि पिछले एक दशक से पांच पादरियों ने उसका यौन शोषण किया है। महिला के पति ने शिकायत की कि इन पादरियों में से एक उसकी पत्नी को ब्लैकमेल कर रहा था। इस पादरी ने सबसे पहले महिला का यौन शोषण किया था। महिला ने जब अन्य पादरी से मदद मांगी तो उन्होंने भी उसे धमकी दी और इस बात को साथी पादरी से साझा कर दिया। इसके बाद पांचों पादरियों ने उसका यौन शोषण किया। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मामले की निगरानी करने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा और उसके बाद चार पादरी यौन शोषण के लिए आरोपित किए गए।
बच गया एक पादरी

एक पादरी कार्रवाई से बच गया क्योंकि पीड़ित ने सिर्फ चार नामों का उल्लेख किया। अदालत ने बीते हफ्ते भी आरोपियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों की मांग थी कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए। कोयट्टम मुख्यालय स्थित चर्च इन आरोपों के सामने आने के बाद सकते में है और कहा जा रहा है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पिनाराई विजयन सरकार पर दबाव डाल रहा है। हालांकि, अदालत के कड़ा रुख अपनाने के बाद चर्च अधिकारियों ने इन पादरियों से कहा कि उनके पास कानून का सम्मान करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
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