फरीदाबाद: बादशाह खान अस्पताल में सोती हुई बच्ची से दुष्कर्म, CCTV में कैद हुई आरोपी की तस्वीरें HC का पादरियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च के तीन पादरियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि फादर सोनी वर्गीस, फादर जॉब मैथ्यू व फादर जैस के. जॉर्ज के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। साक्ष्य हैं और अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया। पादरियों के वकीलों ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल समर्पण करने को तैयार हैं। बुधवार को शिकायत में नामित तीन पादरियों की अग्रिम जमानत को खारिज किए जाने के बाद मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च के पादरियों की गिरफ्तारी निश्चित हो गई।
सनकी नर्स की सनक ने ली 20 मरीजों की जान, अपनी शिफ्ट में मौत टालने के लिए ड्रिप में मिलाती थी ‘जहर’ एक दशक से कर रहे थे यौन शोषण महिला नियमित तौर पर मलंकारा आर्थोडॉक्स चर्च जाती थी। उसने आरोप लगाया है कि पिछले एक दशक से पांच पादरियों ने उसका यौन शोषण किया है। महिला के पति ने शिकायत की कि इन पादरियों में से एक उसकी पत्नी को ब्लैकमेल कर रहा था। इस पादरी ने सबसे पहले महिला का यौन शोषण किया था। महिला ने जब अन्य पादरी से मदद मांगी तो उन्होंने भी उसे धमकी दी और इस बात को साथी पादरी से साझा कर दिया। इसके बाद पांचों पादरियों ने उसका यौन शोषण किया। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा मामले की निगरानी करने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा और उसके बाद चार पादरी यौन शोषण के लिए आरोपित किए गए।
बच गया एक पादरी एक पादरी कार्रवाई से बच गया क्योंकि पीड़ित ने सिर्फ चार नामों का उल्लेख किया। अदालत ने बीते हफ्ते भी आरोपियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों की मांग थी कि जब तक अदालत में जमानत याचिका दाखिल नहीं हो जाती, तबतक उनकी गिरफ्तारी को रोका जाना चाहिए। कोयट्टम मुख्यालय स्थित चर्च इन आरोपों के सामने आने के बाद सकते में है और कहा जा रहा है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पिनाराई विजयन सरकार पर दबाव डाल रहा है। हालांकि, अदालत के कड़ा रुख अपनाने के बाद चर्च अधिकारियों ने इन पादरियों से कहा कि उनके पास कानून का सम्मान करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।