
बच्चों के भविष्य के लिए शिक्षक कर रहा परिश्रम (photo source- Patrika)
CG News: कोयलीबेड़ा जिले के दूरदराज और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार एक बड़ी चुनौती बन चुका है। यहां के शिक्षक अरविंद नागेश ने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए एक अभूतपूर्व उदाहरण पेश किया है। कंदाड़ी प्राथमिक शाला के शिक्षक ने अपने कर्तव्यों के प्रति अपार समर्पण दिखाते हुए उफनती कोटरी नदी को पार कर बच्चों के लिए आवश्यक फर्नीचर पहुंचाया।
कोटरी नदी के उफान के कारण यह इलाका बारिश के मौसम में संपर्कहीन हो जाता है, लेकिन शिक्षक नागेश ने बिना किसी विशेष संसाधन के लकड़ी की छोटी नाव का उपयोग किया और दो सफाई कर्मचारियों सुकलु राम जाड़े और मैनु राम कचलामी के साथ नदी पार की।
उन्होंने बच्चों की शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया। स्थानीय ग्रामीणों ने इस कदम की सराहना की और एक ग्रामीण ने कहा, यह समर्पण नहीं, बल्कि जिम्मेदारी की मिसाल है। जहां सरकारी कर्मी आराम की तलाश करते हैं, वहां ये शिक्षक जान का जोखिम लेकर बच्चों के भविष्य की चिंता करते हैं।
CG News: यह घटना केवल कंदाड़ी स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सैकड़ों बच्चों की उम्मीद का प्रतीक है जो आज भी शिक्षा के अभाव में जी रहे हैं। कंदाड़ी की प्राथमिक शाला एक अकेले शिक्षक अरविंद नागेश के भरोसे चल रही है। यह स्कूल नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है, जहां शिक्षक नहीं चाहते हैं और प्रशासन भी यहां कोई ठोस कदम नहीं उठा पाता है।
शिक्षक अरविंद नागेश ने बताया कि मुझे रोजाना जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है। कभी-कभी तो इतना ज्यादा पानी हो जाता है कि मुझे स्कूल में ही रात गुजारनी पड़ती है। उन्होंने कंदाड़ी के बच्चों के भविष्य को संवारने का संकल्प लिया है।
Published on:
08 Nov 2025 02:50 pm
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