भौतिक सत्यापन के बाद मिलेगी स्वीकृति
जिस जगह लाभार्थी की ओर से मकान का निर्माण कराया जा रहा है। उसकी फील्ड में गया हुआ कर्मचारी जिओ टैगिंग यानी जमीन की फोटो खींचकर आवास सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेगा।
इसका भौतिक सत्यापन होने के बाद आवास के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी। जिओ टैगिंग के माध्यम से यह भी देखा जाएगा कि जिन लोगों के आवास दिए जा रहे हैं। उन्हे पहले किसी योजना में आवास मिले हैं या नहीं।
खर्च होंगे 1.48 लाख
योजना के तहत चिन्हित परिवार को दो किश्तों में 1 लाख 48 हजार रुपए दिए जाएंगे। इनमें एक लाख 20 हजार रुपए आवास निर्माण पर और शेष 28 हजार रुपए शौचालय और नरेगा पर खर्चकिए जाएंगे।
योजना के तहत चिन्हित परिवार को दो किश्तों में 1 लाख 48 हजार रुपए दिए जाएंगे। इनमें एक लाख 20 हजार रुपए आवास निर्माण पर और शेष 28 हजार रुपए शौचालय और नरेगा पर खर्चकिए जाएंगे।
यह राशि पात्र व्यक्ति के सीधे खाते में आएगी। इस योजना में बनने वाले आवास की डिजाइन भी उपलब्ध कराई गई है। कमरे, स्टोर, रसोई, शौचालय आदि सुविधाएं दर्शाई गई है।
यूं होती थी गड़बड़ी
पहले की योजनाओं में लोग काम का भुगतान तो उठा लेते थे लेकिन आवास नहीं बनाते थे। कुछ लोग भुगतान लेने के बाद आवासों का निर्माण नहीं करवा पाते थे। ऐसे में इन योजनाओं में लाखों रुपए की गड़बडियां सामने चुकी हैं।
यूं होती थी गड़बड़ी
पहले की योजनाओं में लोग काम का भुगतान तो उठा लेते थे लेकिन आवास नहीं बनाते थे। कुछ लोग भुगतान लेने के बाद आवासों का निर्माण नहीं करवा पाते थे। ऐसे में इन योजनाओं में लाखों रुपए की गड़बडियां सामने चुकी हैं।
जिसके पास बेसिक फोन, फ्रिज, बाइक तो नहीं मिलेगा लाभ
इस योजना में जिले में काफी संख्या में लोग लाभ लेने के लिए तैयार है। लेकिन सरकार ने इसके लिए कुछ मापदण्ड तय कर रखे हैं। इसमें यदि बेसिक फोन, फ्रिज, बाइक में से कोई एक वस्तु भी किसी व्यक्ति के पास है तो वह इस योजना के लिए पात्र नहीं होगा। उसे लाभ नहीं दिया जाएगा।
आवास निर्माण में राशि उठाने की गड़बड़ी अब संभव नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास एप्प के जरिए विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी। मकान निर्माण के प्रत्येक पहलू की फोटो खींचकर एप पर अपलोड की जाएगी।
अनूप शर्मा, प्रभारी प्रधानमंत्री आवास योजना, जिला परिषद चूरू