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Dausa: विवादित बयान पर लालसोट तहसीलदार ने वीडियो जारी कर मांगी माफी, बार अध्यक्ष बोले- माफी स्वीकार नहीं

तहसील कार्यालय में हंगामे व धक्का मुक्की के बाद शुरू हुए वकीलों व राजस्व कर्मियों के टकराव का मामले में अब बर्फ पिघलने लगी है।

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दौसा

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Anil Prajapat

Aug 25, 2025

Lalsot-Tehsil

पत्रिका फाइल फोटो

लालसोट। तहसील कार्यालय में हंगामे व धक्का मुक्की के बाद शुरू हुए वकीलों व राजस्व कर्मियों के टकराव का मामले में अब बर्फ पिघलने लगी है। रविवार को तहसीलदार अमितेश मीना ने एक वीडियो जारी कर अपने बयान को लेकर माफी मांगी है, जिसमें ‘काले कोट वाले गुंडे’ शब्द का प्रयोग किया था। इस बयान को वकीलों ने बड़ा मुद्दा बना दिया था एवं उनके निलबंन की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है।

तहसीलदार ने वीडियो संदेश में कहा है कि 19 अगस्त को उनके कार्यालय में आकर कुछ लोगों ने अप्रिय घटना कारित करते हुए उनके मारपीट की। घटना के बाद वे थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए गए, काफी समय के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो वे काफी व्यथित, चिंतित व तनाव की स्थिति में थे, तब उनके द्वारा काले कोट को लेेकर कुछ गलत शब्द व टिप्पणी कर दी गई, उसके लिए वे क्षमा प्रार्थी हैं।

तहसीलदार ने कहा कि उनका उद्देश्य सभी अधिवक्ताओं को ठेस पहुुंचाना व भावनाओं को आहत करना नहीं था। सभी के साथ उनका कार्य करने का जो तरीका अच्छा रहा है और आगे भी भविष्य में अधिवक्ता के साथ समन्वय काम करते रहेंगे। तहसीलदार ने पत्रिका को बताया कि उनके इस बयान का यह मतलब नहीं है कि वे समझौते लिए तैयार हैं।

घटना के दिन उनके मुंह से जो शब्द निकले थे, उनको लेकर पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं में शामिल कर लिया, जबकि उद्देश्य मात्र उनके लिए था,जिन्होंने यह घटना उनके साथ की है, शेष अधिवक्ता उनके लिए सम्मानित है। सब अधिवक्ता एक जैसे नहीं है। वकील समुदाय व काला कोट सम्मानीय है, लेकिन काले कोट के भेष में जिस तरह के लोग होते है, उनके लिए ही वे शब्द कहे थे।

सभी राजस्व कार्य अटक गए

इधर, वकीलों व राजस्व कर्मियों के टकराव का मामला अब प्रशासन के लिए बड़ा सिर दर्द बन गया है। सभी राजस्व कार्य अटक गए हैं। न्यायिक कार्र्य प्रभावित हो रहे है, रविवार को छठे दिन दोनो पक्षों के बीच टकराव जस का तस बना रहा। सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक स्तर पर दोनों पक्षों के बीच सहमति के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

बार अध्यक्ष ने कहा, माफी स्वीकार नहीं

तहसीलदार की माफी के बाद भी वकील पक्ष अपनी मांगों को लेकर झुकने के मूंड में नहीं है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमस्वरुप लामड़ा ने बताया कि तहसीलदार की माफी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है। उनकी मांग है कि तहसीलदार को निलंबन या एपीओ किया जाए, उसके बाद ही कोई विचार होगा। महासचिव अशोक चौधरी ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे जिला मुख्यालय पर जिले के सभी बार अधिवक्ताओं द्वारा कलक्टर को ज्ञापन दिया गया।

दूसरी ओर इस मामले में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने अपनी जांच में तहसीलदार अमितेश मीणा को दोषी बताया है। जिला बार संघ के अध्यक्ष कुंजबिहारी शर्मा ने बताया कि डॉ. महेश शर्मा की अगुर्वाई वाली काउंसिल की तीन सदस्यीय टीम ने आठ पेज की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को भेजी गई है, साथ ही मुख्यमंत्री और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को भी प्रेषित की गई है। तहसीलदार ने वकीलों को काले कोट वाले गुंडे कहा, यह टिप्पणी संपूर्ण न्यायपालिका का अपमान है। अब इस मुद्दे को जिला स्तर से आगे बढ़ाया जाएगा, इस प्रकरण को राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने की योजना है, तहसीलदार के निलंबन के बाद ही पूरा मामला शांत होगा।

आज ज्ञापन देंगे अधिवक्ता

जिला अभिभाषक संघ दौसा के तत्वावधान में जिले की अधीनस्थ न्यायालयों की बार एसोसिएशनों के साथ सोमवार को ज्ञापन देकर तहसीलदार लालसोट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। अध्यक्ष कुंजबिहारी शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया पर की गई अधिवक्ताओं के विरुद्ध टिप्पणी और अवैध धरना-प्रदर्शन के संबंध में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।