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साइबर ठगों ने पुलिसकर्मियों को बनाया शिकार, खाते से नकदी पार

साइबर ठगी को लेकर प्रतिदिन आमजन को जागरुक करने वाले पुलिस अब खुद ही साइबर ठगों का शिकार हो गई। साइबर ठगों ने दो पुलिसकर्मियों को निशाना बताते हुए करीब एक लाख की राशि खातों से उड़ा दी। मैसेज मिलने पर राशि निकलने की जानकारी हुई। जिस पर पुलिसकर्मियों ने आला अधिकारियों को सूचना दी और फिर साइबर थाने पर शिकायत दी। पुलिस अब इन साइबर ठगों की जांच में जुट गई है।

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साइबर ठगों ने पुलिसकर्मियों को बनाया शिकार, खाते से नकदी पार Cyber ​​thugs target policemen, withdraw cash from their accounts

- दो कांस्टेबलों के खाते से करीब 97 हजार रुपए निकले- पुलिस ग्रुप में बैंक का फर्जी लिंक डाला, ओपन करने पर सेकंडों में राशि उड़ाई

- साइबर थाने में शिकायत, जांच में जुटी पुलिस

- पुलिस ने आमजन को सोशल मीडिया पर आ रही लिंक इत्यादि से सावधान रहने की दी सलाह

धौलपुर. साइबर ठगी को लेकर प्रतिदिन आमजन को जागरुक करने वाले पुलिस अब खुद ही साइबर ठगों का शिकार हो गई। साइबर ठगों ने दो पुलिसकर्मियों को निशाना बताते हुए करीब एक लाख की राशि खातों से उड़ा दी। मैसेज मिलने पर राशि निकलने की जानकारी हुई। जिस पर पुलिसकर्मियों ने आला अधिकारियों को सूचना दी और फिर साइबर थाने पर शिकायत दी। पुलिस अब इन साइबर ठगों की जांच में जुट गई है। उक्त घटना एक सितम्बर की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि जिले के कौलारी थाना प्रभारी हरेन्द्र सिंह का मोबाइल हैक कर साइबर ठगों ने पुलिस के व्हाट्स अप गु्रप में कथित एक बैंक का लिंग भेजा। ग्रुप में बैंक के लिंक को दो पुलिसकर्मियों ने क्लिक किया और देखते देखते सेकेंडों में दोनों के खातों से राशि पार हो गई। इसमें हैड कांस्टेबल आनंद शर्मा के खाते से 49 हजार 500 रुपए और कांस्टेबल अवनेश जादौन के एकाउंट से 47 हजार 100 रुपए निकाल लिए। यह देख दोनों के होश उड़ गए और अधिकारियों को सूचना दी।

जानकारी के अनुसार कौलारी थाना प्रभारी हरेन्द्र सिंह के मोबाइल को अज्ञात जनों के हैक करना बताया। मोबाइक हैक होने पर साइबर ठगों ने एसबीआई बैंक के ऑनलाइन ऐप योनो जैसा मिलता-जुलता एक लिंक पुलिस गु्रप में डाल दिया। जिसका शिकार दोनेां पुलिसकर्मी हुए। साथ ही थाना प्रभारी के मोबाइल में फीड मोबाइल नम्बरों पर भी लिंक मैसेज भेजें गए हैं। भेजे लिंक के ओपन करते ही खातों से राशि पार हो गई। शातिरों ने पुलिस के अलग-अलग ग्रुपों में लिंक भेजे थे।

साइबर थाने में दी शिकायत

दोनों पुलिसकर्मियों ने उक्त घटनाक्रम में साइबर पुलिस थाने में शिकायत दी है। जिस पर पुलिस टीम जांच में जुट गई है। साथ ही जिस बैंक का फर्जी लिंक शेयर किया, उसकी पड़ताल हो रही है। उक्त वाकये के बाद पुलिस के सभी ग्रुपों में किसी भी लिंक को ओपन नहीं करने की सलाह दी है।

भरतपुर रेंज में डीग साइबर ठगों का अड्डा

भरतपुर रेंज में नवीन बने जिला डीग साइबर ठगों का अड्डा है। यह इलाका अलवर और हरियाणा के नूंह मेवात जिले से सटा हुआ है। इस इलाके में बड़े स्तर पर ठग गिरोह हैं। हालांकि, तत्कालीन रेंज आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में बड़े स्तर पर साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जिसके बाद काफी ठग इलाका छोड़ कर भाग निकले और काफी जेल में पहुंचा दिए। रेंज में बीते साल एंटी वायरस ऑपरेशन चला कर अप्रेल से नवम्बर 2024 तक अकेले डीग जिले में 249 एफआइआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने कार्रवाई कर साइबर मामले में 938 ठगों को गिरफ्तार किया था। जबकि धौलपुर 6, करौली 10, सवाईमाधोपुर में 24 व गंगापुर सिटी में 10 साइबर ठगी के मुकदमे दर्ज हुए थे। कुल 304 मुकदमे दर्ज कर 1054 व्यक्ति गिरफ्तार किए थे। इनसे करीब 59 लाख रुपए नकदी बरामद की थी।

हाल में 400 करोड़ की ठगी का हुआ था पर्दाफाश

भरतपुर रेंज कार्यालय पुलिस ने हाल में करीब 400 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा करते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया था। इसमें आरोपित रविंन्द्र सिंह निवासी बलिया यूपी व दिनेश सिंह व उसकी पत्नी कुमकुम को गिरफ्तार किया था। धौलपुर निवासी पीडि़त ने हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर पेमेंट बैंक खाते के खिलाफ साइबर थाने में रिपोर्ट दी थी। जांच में सामने आया कि जिस बैंक खाते की शिकायत हुई थी, उसके खिलाफ 1930 हेल्पलाइन पर करीब 4 हजार शिकायतें थी। परिवादी के 35 लाख रुपए चार खातों में ट्रांसफर किए थे। पुलिस ने फिर खातों को फ्रीज करवाया था।

- दो पुलिसकर्मियों के खाते से राशि निकली है। हालांकि, पूरी डिटेल नहीं है, वह अवकाश पर हैं। इस तरह की घटना किसी के साथ हो सकती है। सभी को सतर्क रहने की जरुरत है।

- मुनेश मीणा, सीओ शहर एवं साइबर थाना प्रभारी

आप भी यूं बरते सावधानी...

- जब तक विश्वसनीय ना हो तब तक एपीके फाइल को ना खोलें

- व्हाट्सएप पर किसी भी फोटो/वीडियो/फाइल को ऑटो डाउनलोड मोड़ में ना रखें। ये सबसे खतरनाक है।

- सी डैक हैदराबाद की ओर से विकसित एम कवच एप को फोन में ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। इससे आपके फोन का वॉट्सएप हैक नहीं होगा।

- साथ ही सोशल मीडिया पर आने वाली लिंक से दूर रहें। अनजान लिंक को ओपन नहीं करें।

- मोबाइल फोन में लॉक करके रखें, जिससे बच्चे लिंक तक न पहुंचे।