
आगरा में यूपी रोडवेज प्रबंधन से मुलाकात करते प्रिंस जैन। फोटो- पत्रिका
राजाखेड़ा। आगरा-राजाखेड़ा जैसे महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय मार्ग पर राजस्थान रोडवेज ने अपनी लापरवाही से घाटे में आकर सेवाएं बन्द कर दी। ऐसे में अब इसी मार्ग पर उत्तर प्रदेश परिवहन ने व्यापारियों की मांग पर व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रिंस जैन से मुलाकात के दौरान बस संचालित करने का आश्वासन दिया है।
जैन के अनुसार उत्तर प्रदेश परिवहन की शटल बस सेवा अगले सप्ताह आरंभ हो सकती है और इसके लिए आगरा के अधिकारियों ने कवायद शुरू कर दी है। विगत 6 माह पूर्व धौलपुर डिपो ने राजाखेड़ा-आगरा जैसे महत्वपूर्ण इस मार्ग को घाटे का मानते हुए बस सेवाओं को बंद कर दिया था।
लोगों ने इसका जमकर विरोध किया और आरोप लगाया कि रोडवेज अधिकारी अपने ही कर्मियों के गड़बड़झाले को रोक नहीं पाए। भाजपा-कांग्रेस नेताओं, व्यापार मंडल ने इस संबंध में दर्जनों ज्ञापन स्थानीय अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, परिवहन मंत्री तक को दिए पर कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं हुई और परिणाम सिफर रहा।
इस मार्ग पर दर्जनों अवैध ऑटो और वैन संचालित हो रही हैं, जो अपनी क्षमता से कई गुना सवारियां लेकर सरपट दौड़ रही हैं। पिछले माह कई ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हुए, गनीमत रही कि लोगों की जान बच गई, लेकिन हर बार भाग्य भी साथ नहीं देता। बड़ी बात यह है कि ये अवैध वाहन रोडवेज बन्द होने के बाद कई गुना बढ़ गए।
राजाखेड़ा उपखंड तीन ओर से आगरा जिले की सीमाओं से मिलता है। यहां का सामाजिक जुड़ाव, रिश्तेदारियां भी आगरा जिले में बेहद ज्यादा हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी भी आगरा ही निवास करते हैं। यहां का व्यापार भी 80 फीसदी आगरा मंडी से होता है। ऐसे में प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन आगरा होता है, जिनमें से 50 फीसदी लोग रोडवेज पर निर्भर रहते थे। शेष 50 फीसदी अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं।
राजस्थान रोडवेज को तो बन्द ही कर देना चाहिए। इसके अधिकारी खुद इसे डुबो रहे हैं और दोष अन्य को दे रहे हैं। निजी क्षेत्र अपने आप व्यवस्था संभाल लेगा। बस उन्हें परमिट दे दो।
प्रशासन संवेदनहीन हो चुका है। इनको जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। बस मोटी तनख्वाह के लिए बैठे हैं।
रोडवेज अधिकारी-कर्मचारी एक ओर निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सुधर भी नहीं रहे हैं। आखिर जनता को परिणाम चहिए। झूठ अब नहीं चलेगा।
दैनिक तौर पर कई दर्जन लोग नौकरी, व्यापार, चिकित्सालयों में इलाज कराने, विद्यार्थी पढ़ने आगरा जाते हैं। इनकी परेशानी किसी को नहीं दिख रही।
Updated on:
31 Oct 2025 05:13 pm
Published on:
31 Oct 2025 04:57 pm
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